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कोल ब्लॉक को लेकर उधर पुलिस के साथ झड़प, तो इधर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन


खरसिया में वेदांता समूह के खिलाफ जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ने सड़क पर उतरे ग्रामीण
सूरजपुर के जनार्दनपुर इलाके में पेड़ कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने भांजीं लाठियां

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में नए सिरे से आवंटित कोल ब्लॉकों को लेकर प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी किसान और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। गुरुवार 17 अक्टूबर को सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड जनार्दनपुर इलाके में परसा कोल ब्लॉक परियोजना के तहत पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। सुबह से ही इन क्षेत्रों में पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच सैकड़ों पेड़ों की कटाई का काम जारी रहा, जिसे ग्रामीण और हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य लगातार विरोध कर रहे हैं। सुबह 9 से 10 बजे के बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के प्रमुख सदस्य रामलाल पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हो गए। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई। वहीं रायगढ़ जिले के खरसिया के बरगढ़ खोला मे वेदांता कोल ब्लॉक के विरोध में जोबी, बर्रा, कुर्रु के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण युवा एवं युवती अपनी जल जंगल और जमीन बचाने की लड़ाई लडऩे पर उतर आए हैं।

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प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
जोंबी, बर्रा, कुर्रू, मिनी गांव, क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर तहसील कार्यालय का घेराव किया। तहसील प्रांगण पर घंटों बैठकर भारत अल्युमिनियम कंपनी वेदांता समूह का विरोध प्रदर्शन करते रहे। प्रभावित क्षेत्र में कंपनी के द्वारा चलाए जा रहे सर्वे का काम और ड्रिल मशीन भी तत्काल बंद कराए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर अपना विरोध जताया वहीं कोयला खदान पर रोक न लगाए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी ग्रामीणों ने दी है।
कृषि के साथ-साथ राजस्व व वनभूमि भी होगा प्रभावित
12 दिसंबर 2022 को कोल मिनिस्ट्री के चौथे राउंड के कमर्शियल कोल माइंस के ऑक्शन में आवंटित वेदांता समूह का यह कल ब्लॉक लगभग 3144 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। जानकारी के मुताबिक बर्रा कोल ब्लॉक में 900 मिलियन टन कोयले का भंडारण है। कोयला खदान में निजी भूमि के साथ-साथ बड़े क्षेत्रफल की वन भूमि और राजस्व व कृषि भूमि प्रभावित होगा। बरगढ़ खोल क्षेत्र में कोयला खदान को लेकर हलचल तेज हो गई है। एक और जहां जल जंगल जमीन की लड़ाई को लेकर लोग खुलकर सामने आ रहे हैं वहीं कुछ लोग इस परियोजना में रोजगार की बात भी कह रहे हैं।
क्या कहते हैं तहसीलदार
जब हमने खरसिया तहसीलदार लोमस मिरी से तहसील कार्यालय के घेराव के संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि आज तहसील कार्यालय का घेराव नहीं था। प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कार्यालय प्रांगण के सामने जमावड़ा था। कोयला खदान के प्रभावित क्षेत्र के किसान तहसील कार्यालय के सामने एकत्रित हुए थे। ग्रामीण एकत्रित होकर प्रशासन को ज्ञापन दिया है। मामला शासन स्तर का है। हम उनके ज्ञापन को निराकरण के लिए उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर देंगे।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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