
जनदर्शन में कलेक्टर ने सुनी फरियाद, अब रात को तीन घंटे ही चलेंगी गाड़ियां
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। लैलूंगा, रायगढ़ और राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडऩे वाला यह मार्ग अपने जर्जर स्थिति को लेकर लंबे समय से सुर्खियों में है। कुछ दिनों पूर्व इस मार्ग में एमएसपी रायगढ़ के द्वारा जेसीबी लगाकर कहीं-कहीं गड्ढों को पाटा गया था। लेकिन यह काम आम जनजीवन को राहत देने के लिए नहीं की गई थी बल्कि निजी स्वार्थ के पूर्ति के लिए किया गया था। एमएसपी अपनी सुविधा के लिए दो-चार बड़े-बड़े गड्ढे में मिट्टी आदि पाट कर रात-दिन अपने भारी वाहनों को इस मार्ग पर दौड़ा रही है। जिससे इस सडक़ की जर्जर स्थिति और भी भयावह हो गई है।
धूल डस्ट और बड़े वाहनों की आवाजाही से आम लोगों के जनजीवन पर खतरा बढ़ गया है। इस मार्ग का इस्तेमाल सांई विहार, बड़े अतरमुड़ा, टी.व्ही. टॉवर, प्राची विहार, मां नगर कॉलोनी के निवासियों के अतिरिक्त संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय में ईलाज हेतु आने वाले सैकड़ों मरीजों परिजनों के अलावा सरिया पुसौर और लैलूंगा विधानसभा के लोग करते हैं। लेकिन नेशनल हाईवे पर चलने वाले भारी वाहन ने इस मार्ग को बाईपास के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। पूर्वांचल में स्थित एमएसपी जाने वाले सभी भारी वाहन इस रास्ते गुजर रहे हैं, जिससे हमेशा लोगों में किसी अप्रिय घटना का खतरा बना रहता है। इसलिए मंगलवार को कलेक्टोरेट के सृजन सभा कक्ष में आयोजित जनदर्शन में क्षेत्र के लोगों ने कलेक्टर से भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने हेतु ज्ञापन सौंपा है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने उक्त मार्ग पर रात को 1 से 3 बजे तक केवल तीन घंटे ही वाहनों की चलने की बात कही है तथा उक्त मार्ग से आम लोगों को हो रहे अन्य परेशानियों के निपटान के लिए रायगढ़ एसडीएम को अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। केवल रात को 3 घंटे वाहनों की आवाजाही होने से आम जनजीवन को कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
पीडब्ल्यूडी विभाग को जल्द काम शुरू करने के दिए निर्देश
जनदर्शन में सडक़ की जर्जर स्थिति को लेकर शिकायत के बाद कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने पीडब्ल्यूडी विभाग को तलब उक्त मार्ग के निर्माण के संबंध में प्रोग्रेस लाने के लिए कहा है। और जल्द ही उक्त मार्ग में भू अर्जन संबंधित प्रक्रिया को पूरी कर निर्माण कार्य डेढ़ साल में पूरा करने हेतु को निर्देश दिया है। 2.30 किलोमीटर लंबी सडक़ के निर्माण के लिए 14 करोड़ 57 लाख 20 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति नियम और शर्तों के आधार पर 15/ 3/ 2024 को पीडब्ल्यूडी विभाग को मिल चुका है। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग भू अर्जन के मामले को लेकर कछुए की चाल चल रहा है।