
शहर के चौक-चौराहे पर लगे सिग्नल का नहीं हो रहा है मेंटेनेंस, कभी लाइट जलती है, तो कभी नहीं
क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़। प्रदेश भर में यातायात व्यवस्था को लेकर शासन प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रही है जिसके लिए यातायात विभाग के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में जब विभाग खुद जागरूक नहीं है तो जागरूकता अभियान चलाने से आम जनता को कैसे क्या फायदा होगा।
एक तरफ रायगढ़ यातायात विभाग सडक़ हादसों पर अंकुश लगाने तथा ब्लैक स्पॉट क्षेत्र में हो रहे दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर लगे यातायात ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स कई महीनो से मेंटेनेंस नहीं होने के कारण बंद पड़ी है। या फिर किसी चौराहे पर लगे सिग्नल लाइट कभी जलती है और कभी बंद रहती है। चौक-चौराहों पर लगे सिग्नल लाइटों के सुचारू रूप से नहीं चलने के कारण शहर के अंदर शाम को जाम लग जाता है। इस अव्यवस्था का सामना केवल आम जनता ही नहीं बल्कि विभाग के ट्रैफिक कर्मचारियों को भी करना पड़ता है। लेकिन इतने बड़े स्तर पर यातायात जागरूकता अभियान चलाने वाले विभाग के आला अधिकारियों को शहर के अंदर की अव्यवस्था नहीं दिख रहा रहा है। यह उनके द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। इस विषय में जब हमने यातायात विभाग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमेश कुमार चंद्रा से टेलीफोन के माध्यम से उसे बात करना चाहा तो शासकीय कला में व्यस्तता होने के कारण कॉल रिसीव नहीं हो पाया।
सात में दो चौक की जलती है बत्ती
शहर के ढिमरापुर, कोतरा रोड मार्ग, छातामुड़ा चौक, काशीराम चौक, भगवानपुर बाईपास जिंदल रोड की बत्तियां बंद मिली और चक्रपथ मार्ग का सिग्नल चौक ही एक मात्र ऐसा चौक था, जहां सिग्नल लाइट की बत्तियां समय पर रेड ग्रीन और हेलो की सिग्नल बता रही थी। कबीर चौक पर लगे सिग्नल की लाइट चल तो रही थी, मगर स्थानीय लोगों का कहना था की कभी कभार ही काम करती है अक्सर बंद रहती है।
नियम तोडऩे वालों पर नहीं होती कार्रवाई
रायगढ़ का यातायात व्यवस्था पूरी तरह से भगवान भरोसे चल रहा है। कानून के मुताबिक जहां ऑटोमेटिक लाइट सिग्नल लगा है। वहां लाल बत्ती का उल्लंघन करने तथा तेज रफ्तार वाहन चलाने अथवा लेन का उल्लंघन करने और पर चालान किया जाता है परंतु रायगढ़ के चौक-चौराहों पर ना तो यातायात पुलिस के कर्मचारी दिखते हैं ना ही चौराहों पर लगी लाइट समय पर सिग्नल बताती है ऐसे में कौन किस पर कार्रवाई करें?
त्योहारों में बढ़ जाती है परेशानी
शहर का यातायात व्यवस्था रायगढ़ के सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है और यह समस्या तब और अधिक बढ़ जाता है जब त्योहारों का समय नजदीक आता है इस समस्या का फिलहाल कोई परमानेंट इलाज तो नहीं है मगर त्योहारों के समय प्रशासन के द्वारा इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है 29 अक्टूबर को धनतेरस और 30 अक्टूबर को दीपावली का उत्सव आ रहा है ऐसे में शहर में रश बढऩा स्वाभाविक है। ऐसे में यदि शहर के चौक-चौराहों पर लगे सिग्नल व्यवस्था को प्रशासन दुरुस्त कर ले तो त्यौहार के समय आम जनता के साथ-साथ शहर के चौक चौराहों पर ड्यूटी करने वाले यातायात कर्मचारियों को भी काफी राहत मिल सकती है।
वाहन चालक सरपट दौड़ा रहे गाडिय़ां
अधिकांश चौराहों पर सिग्नल लाइट खराब होने वह सुचारू रूप से नहीं चलने से चौक चौराहों पर बेलगाम वाहन चालक अपने गाडिय़ों को सरपट दौड़ा रहे हैं। जिससे ढिमरापुर, छातमुडा, और काशीराम चौक जैसे भीड भाड़ वाले इलाकों में बड़े हादसों की संभावना बढ़ गई है।