
लोगों के विरोध और आपत्ति के बावजूद एसडीएम ने कर दिया है जमीन का डायवर्सन
क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़। सांसद राधेश्याम राठिया के गृह ग्राम छर्रा टांगर, डोकरबुड़ा में 8 पार्टनरों वाली कोलकात्ता की कंपनी ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स ने अपना पांव पसार लिया है। कंपनी को स्थापित करने के लिए रायगढ़ जिले का प्रशासनिक अमला और राजनेता पूरी तरह उद्योगपतियों के आगे नत मस्तक हो गए हैं। इसीलिए घरघोड़ा के एसडीएम राजस्व निरीक्षक और पटवारी ने कई एकड़ जंगल का डायवर्सन फैक्ट्री लगाने के लिए कर दिया है। अब ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स के नुमाइंदे दिन रात जंगल की कटाई कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस कंपनी के डायवर्सन प्रकरण पर शुरू से आपत्ति और विरोध कर रहे ग्रामीणों के आवेदन पर घरघोड़ा एसडीएम ने कोई सुनवाई नहीं किया है। फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर किए गए डायवर्सन के कारण सांसद राधेश्याम राठिया के गृह ग्राम तथा आसपास के आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन पर खतरा बढ़ गया है।
ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स कंपनी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों का इस तरीके का समर्पण का खामियाजा भविष्य में छर्राटांगर तथा आसपास के ग्रामीण और पर्यावरण के साथ-साथ सांसद राधेश्याम राठिया को भी उठाना पड़ सकता है। इस मामले में लोग सांसद के सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं कि आदिवासी सांसद के गृह ग्राम क्षेत्र में ही आदिवासी और जल, जंगल ,जमीन की रक्षा नहीं हो पा रहा है। तो ऐसे में जिले का क्या होगा? रायगढ़ जिला ऐसे भी तो उद्योगपति का चारागाह बन चुका है। क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के अधिकारी कर्मचारी उद्योगपति और व्यापारियों पर मेहरबान नहीं होते हैं।आखिर घरघोड़ा एसडीएम ने बड़े-बड़े पेड़ और जंगल वाले भूमि का डायवर्सन बिना जांच के कैसे कर दिया। जबकि लंबे समय से स्थानीय ग्रामीणों ने ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स कंपनी के डायवर्सन प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराया है। कंपनी को लेकर ग्रामीणों के आक्रोश और विरोध के बावजूद क्षेत्रीय सांसद का इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आया है।
ग्राम सभा और अनापत्ति के बगैर काम शुरू
जानकारी के मुताबिक डायवर्सन के लिए हल्का पटवारी ने जंगल की बात छुपाई है। इस जमीन पर घना जंगल है, इसे नष्ट करके बारूद फैक्ट्री लगाने की प्लानिंग है ग्रामीण क्षेत्र में फैक्ट्री लगने का विरोध कर रहे हैं। इसीलिए अभी तक कंपनी को फैक्ट्री लगाने का लाइसेंस नहीं मिल पाया है। वहीं ग्रामीण बता रहे हैं कि कंपनी के लोग आपत्तिकर्ताओं के ऊपर दबाव बना रहे हैं । नियम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ग्राम पंचायत ने इस कंपनी को अभी तक एनओसी नहीं दिया है। ग्राम सभा में प्रस्ताव भी पारित नहीं हुआ है।
नामांतरण, डायवर्सन के बाद निर्माण की तैयारी
प्रतीक वर्मा नामक व्यक्ति ने 8 सदस्य आलोक खेतान ,आलोक अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, अशोक खेतान, हर्ष अग्रवाल, सुयश खेतान, सौम्या अग्रवाल, निकिता खेतान के पार्टनरशिप वाली कंपनी ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स के लिए खसरा नंबर 206 रकबा 1.9430 हे., खनं 207/1 रकबा 1.5890 हे. और खनं 207/2 रकबा 0.8090 हे. को खरीद लिया है। 4.341 हे. भूमि का नामांतरण भी हो चुका है। अब उक्त घने जंगलवाले भूमि का डायवर्सन भी हो गया है। अब कंपनी फैक्ट्री के लिए निर्माण कार्य भी शुरू करने की तैयारी कर रही है।
रसायनों के इस्तेमाल से पर्यावरण और जनजीवन पर खतरा
ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल कर खदानों के लिए विस्फोटक बनाने वाली है। इससे छर्राटांगर और डोकरबुड़ा सहित आसपास के क्षेत्र के पर्यावरण स्थिति में व्यापक असर होगा साथ में इन गांवों के जन जीवन पर भी प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। अब तक इस क्षेत्र के लोग प्राकृतिक सुंदरता के साथ शुद्ध हवा में अपनी सांस ले रहे हैं लेकिन इस कंपनी के खुलने से यहां का आबो हवा पूरी तरह प्रदूषित हो जाएगा।