Homeछत्तीसगढ़पवित्र भाव से सुमिरन करें, दौड़े चले आएंगे श्रीहरि : पं. संगीतकृष्ण सांवरिया

पवित्र भाव से सुमिरन करें, दौड़े चले आएंगे श्रीहरि : पं. संगीतकृष्ण सांवरिया

अंश होटल में सात दिवसीय भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, भगवान को आडंबर पसंद नहीं

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज रायगढ़। शहर के प्रतिक्षित नहाडिया परिवार के श्रद्धालुगण अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति व उन्हें मोक्ष दिलाने के पुनीत उद्देश्य से सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन शहर के होटल अंश में कर रहे हैं। व्यासपीठ पर विराजित अखिल भारतीय चतु: संप्रदाय अध्यक्ष श्रीमद्भागवत कथा के उद्धट विद्वान परम पूज्य आचार्य संगीतकृष्ण सांवरिया बाबा प्रतिदिन अपने दिव्य प्रवचनों से दोपहर तीन से शाम सात प्रतिक्षित नहाडिया परिवार व उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं।

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व्यासपीठ पर विराजित सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं संगीत कृष्ण सांवरिया ने कथा प्रसंग के अंतर्गत श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान को किसी भी प्रकार का आडंबर नहीं है वे स्पष्ट कहे हैं कि जो व्यक्ति मुझे जिस पवित्र भाव से भजता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करता हूँ। मुझे हृदय का पवित्र भाव ही पसंद है ना कि कोई तरह-तरह का आडंबर। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वो दुनिया के तरह-तरह के आडंबरों का परित्याग कर अपने जीवन में केवल पवित्र भाव को महत्व है। क्योंकि श्री हरि को पवित्र भाव ही अत्यंत पसंद है। इस तरह से  जीवन के अनेक शास्त्रों के गुढ़ बातों को अत्यंत ही सहज सरल ढंग से समझा कर उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं। जिसका आनंद श्रद्धालुगण ले रहे हैं।

श्रीराम व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की रही धूम
कथा के प्रसंग के अंतर्गत आज कथा स्थल में भगवान श्रीराम जन्मोत्सव व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को जीवंत मनभावन झांकी के साथ यादगार ढंग से मनाया गया। यूँ लगा कि यथार्थ में आज कथा स्थल में ही भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। जन्मोत्सव प्रसंग के समय मनभावन भजन गीत के साथ श्रद्धालुगण भाव विभोर होकर झूमे व मस्त खुशी का माहौल रहा व उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा गया। कथा प्रसंग के अंतर्गत पं संगीत कृष्ण सांवरिया ने कहा कि जब – जब इस धरा में धर्म की हानि हुई है तब – तब प्रभु अवतार लेकर मनुष्य व संपूर्ण जीव जाति की रक्षा करते आए हैं। इसलिए सदैव पवित्र हृदय व पवित्र मन से श्रीहरि का स्मरण करना चाहिए तभी जीवन का कल्याण होता है। 10 सितंबर को कथा स्थल में श्री कृष्णविवाह का आयोजन होगा । 12 सितंबर को हवन व पूर्णाहुति और दोपहर 12 बजे से महाभंडारा होगा।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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