
पर्यावरण और खनिज विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई, पर्यावरण प्रदूषण की हो रही अनदेखी
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़। धरमजयगढ़ क्षेत्र में पिछले कई महीनों से क्षेत्र में लाल ईंट का बड़े पैमाने पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। शासन के आदेशानुसार लाल ईंट के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है जिसके बाद भी जिले के धरमजयगढ़ तहसील में इस नियम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। अवैध लाल ईंट निर्माण में भारी मात्रा में मिट्टी का उपयोग किया जाता है जिससे मिट्टी का क्षरण तो होता ही है वहीं इसे पकाने के लिए बहुत अधिक मात्रा में लकड़ी और कोयले का भी उपयोग किया जाता है। जिसके जलने से बहुत अधिक मात्रा में कार्बन डाई आक्साइड और मिथेन जैसे हानिकारक गैस निकलती है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, इसी का नतीजा है कि अब अप्रैल माह में ऐसी भीषण गर्मी पड़ रही जैसा कि मानों मई और जून का मौसम हो
। पिछले कई सालों से क्षेत्र में जगह-जगह अवैध लाल ईंट का निर्माण आम बात है जिसके बाद भी अब तक पर्यावरण और खनिज विभाग इसपर कार्रवाई नहीं कर रहा है, जो समझ से परे है। बता दें कि लाल ईट निर्माण में राजस्व के साथ-साथ पर्यावरण और खनिज विभाग की परमिशन की अवश्यकता होती है पर धरमजयगढ़ में ऐसा एक भी लाल ईंट भट्ठा नहीं है, जिसको विभागीय परमिशन दी गई हो। उसके बाद भी लाखों-लाखों ईंट बनाकर प्रतिदिन इसकी खरीदी बिक्री की जा रही है। अवैध ईंट निर्माण के लिए धरमजयगढ़ में सबसे सुरक्षित जगह अगर कहीं माना जाता है तो वह शाहपुर व दुर्गापुर और इसके आस पास के गावों को माना जाता है। जहाँ अगर विभाग जांच करने जाए. तब आज भी कई ऐसे ईंट भट्ठे मिलेंगे जिसमें लाखों की तादाद में लाल ईंट का निर्माण हो रहा होगा और उसमें बिना परमिशन के कोयले और लकड़ी भी मिलेगी। अब देखना यह है कि इन निर्माण कार्यों पर शासन-प्रशासन की तरफ से क्या कार्रवाई की जाती है?