
क्रांतिकारी संकेत रायगढ़ / छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर लू और भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने 1 मई से समर कैंप शुरू करने का आदेश जारी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। राजधानी रायपुर रायगढ़ समेत पूरे राज्य में तापमान 43 से 44 डिग्री तक पहुंच गया है, ऐसे में इस आदेश को लेकर शिक्षकों और पालकों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
शिक्षा सचिव ने जारी किया आदेश
शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिया है कि 1 मई से 15 जून तक स्कूलों या सामुदायिक स्थलों पर समर कैंप आयोजित किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि समर कैंप पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा और इसका संचालन सुबह 7:30 से 9:30 बजे तक किया जाएगा, ताकि बच्चों को तेज गर्मी से बचाया जा सके।
बजट नहीं, लेकिन गतिविधियों की भरमार

शिक्षा विभाग की ओर से समर कैंप के लिए किसी प्रकार का बजट जारी नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, पत्र में कहा गया है कि बच्चों को चित्रकला, गायन, वादन, नृत्य, कहानी लेखन, निबंध लेखन, हस्तलिपि और खेलकूद जैसी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाकर बच्चों को मार्गदर्शन दिलाने की बात भी कही गई है। आदेश में एक अहम बिंदु यह भी है कि समर कैंप के दौरान बच्चों को आस-पास के बड़े शैक्षणिक, वैज्ञानिक या सांस्कृतिक संस्थानों का भ्रमण कराया जाए। लेकिन मई-जून जैसी भीषण गर्मी में बच्चों को बाहर ले जाने की योजना को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों में नाराजगी है। कई पालकों का कहना है कि जब राज्य सरकार ने गर्मी के कारण स्कूल बंद किए हैं, तो फिर इस तरह के शिविर और भ्रमण बच्चों की सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं

आदेश पर उठे सवाल
शिक्षकों और पालकों ने सवाल उठाया है कि बिना बजट और पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के ऐसे समर कैंप कैसे सफल हो पाएंगे? खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में जहां संसाधनों की पहले ही कमी है, वहां शिविर आयोजन का भार सिर्फ शिक्षकों और समाज पर डाल देना उचित नहीं माना जा रहा।
हालांकि शिक्षा विभाग का उद्देश्य बच्चों की गर्मी की छुट्टियों को रचनात्मक और ज्ञानवर्धक बनाना है, लेकिन मौजूदा मौसम परिस्थिति में यह आदेश व्यवहारिक नहीं लग रहा। भीषण गर्मी के बीच इस तरह की गतिविधियों की योजना को लागू करने से पहले जमीनी हकीकत और सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी है।