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4 महीने में हुए 5322 सड़़क हादसे में 2591 लोगों की गई जान, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की अब खैर नहीं

सडक़ हादसे रोकने अफसरों ने ली बैठक

क्रांतिकारी संकेत
रायपुर।
छत्तीसगढ़ में सडक़ हादसे लगातार बढ़ रहे. बीते चार महीने में 5322 सडक़ हादसे हुए हैं, जिसमें 2591 लोगों की जान गई है. इन घटनाओं में अधिकतर मौतें हेलमेट नहीं लगाने से हुई है। सडक़ हादसे पर लगाम लगाने आज अपर मुख्य सचिव (गृह) मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ सडक़ सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई निर्देश दिए गए।

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बैठक में एसीएस पिंगुआ ने कहा कि सडक़ सुरक्षा उपायों का सबकी सहभागिता से बेहतर क्रियान्वयन हो. साथ ही सडक़ दुर्घटनाओं की रोकथाम और यातायात को बेहतर बनाने के लिए समन्वित प्रयास किया जाए। बैठक में एसीएस पिंगुआ ने सभी संबंधित विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सडक़ों में मिलने वाली ग्रामीण सडक़ों के जंक्शन, दुर्घटनाजन्य सडक़ खण्डों/ब्लैक स्पॉट्स में प्राथमिकता से आवश्यक सुधारात्मक उपाय समय-सीमा में पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस प्रकाश ने विभागीय गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले चार महीनों में 5322 सडक़ दुर्घटनाओं में 2591 व्यक्ति की मृत्यु हुई और 4825 घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा लगातार सडक़ सुरक्षा एवं यातायात नियमों के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सचिव एस प्रकाश ने बताया कि वर्ष 2019-2025 तक चिन्हाकित/लंबित ब्लैक स्पॉट्स में से 69 और 101 जंक्शन सुधार किया गया है. यातायात के नियमों के उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध पुलिस विभाग ने 3 लाख 06 हजार 106 प्रकरणों में 11.92 करोड़ और परिवहन विभाग ने 2 लाख 80 हजार 568 प्रकरणों में 58.35 करोड़ रुपए की शमन शुल्क वसूल किए हैं।

रायगढ़ समेत अन्य जिलों में दुर्घटनाओं की समीक्षा
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, बलौदाबाजार, सरगुजा, जगदलपुर(बस्तर) जिलों में दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा कर कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हिट एण्ड रन प्रकरणों के प्रभावितों को राहत के लिये गठित जिला दावा निपटान समिति को प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिए। मालवाहक वाहक वाहनों में यात्री परिवहन, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले, शराब सेवन कर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने के साथ ही व्यापक जागरूकता कार्यक्रम करने के भी निर्देश दिए गए।

हेलमेट नहीं लगाने से हुई अधिकतर मौतें
अंतर्विभागीय लीड एजेंसी(सडक़ सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने पावर पाइंट माध्यम से प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया कि शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के पाठ्यक्रमों मे सडक़ सुरक्षा विषयक पाठों के परिमार्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसे आगामी शिक्षा सत्र से लागू करने सहित प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में रोड क्लब गठित कर नियमित गतिविधियों से सडक़ सुरक्षा का वातावरण तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दोपहर 03 बजे से लेकर रात्रि 09 बजे के मध्य शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक दुर्घटनाएं हो रही है. इन दुर्घटनाओं में सर्वाधिक दोपहिया वाहन चालक/सवारों की मृत्यु की प्रमुख वजह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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