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नवदुर्गा फ्यूल पावर लिमिटेड को लौटानी होगी 23 एकड़ सरकारी जमीन, राजस्व विभाग ने जारी किया आदेश

20 साल से अवैध तरीके से कोटवारी जमीन पर कर रखा था कब्जा

क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़।
जिले में एक बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है। रायगढ़-घरघोड़ा मार्ग में स्थित नवदुर्गा फ्यूल पावर लिमिटेड को 23 एकड़ जमीन लौटाने का आदेश जारी किया गया है। 20 साल से कोटवारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने की पुष्टि होने के बाद यह राजस्व विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, आवेदिका सुलोचनी चौहान ने आवेदन प्रस्तुत कर बताया था कि नव दुर्गा फ्यूल पावर लिमिटेड के संचालक ने सराईपाली स्थित कोटवारी भूमि खसरा नंबर 395-2 रकबा 0.955 हे. को 20 साल से कब्जा कर रखा है। जिसे शासन ने उसे गुजर बसर के लिये दिया था। उक्त भूमि को वापस प्राप्त करने उसने आवेदन दिया था।

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नवदुर्गा प्लांट की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज अवलोकन करने पर आवेदिका के पति स्व. बसंत लाल चैहान के द्वारा 20 मई 2005 को एक सहमति नामा ग्राम के गवाहों के समक्ष पचास रूपए के स्टाम्प में नोटरी सहित लिखा है कि भूमि खसरा नंबर 395-2 रकबा 0.955 हे. भूमि को बंजर होनें से नवदुर्गा फ्यूल प्रायवेट लिमिटेड के निर्देशक प्रेम प्रकाश अग्रवाल को कब्जा दे दिया है एवं उसके बदले में नव दुर्गा की भूमि खसरा नंबर 617-1 रकबा 0.356 हे. खसरा नंबर 617-2 रकबा 0.357 हे. एवं खसरा नंबर 612-1 रकबा 0.324 हे कुल खसरा नंबर 03 रकबा 1.037 हे. भूमि को लेना स्वीकार किया गया है। साथ ही नवदुर्गा की ओर से बसंत लाल को एक लाख रूपए देना बताया गया। यह भी बताया गया कि तबादला की कार्रवाई पूर्ण नहीं हुई, नवदुर्गा द्वारा दी गई भूमि मौके पर खाली पाया गया है।

2008 में पूर्व कोटवार को निधन हो चुका है तब से उसके स्थान पर उसकी पत्नी आवेदिका कोटवार हो चुकी है। ग्राम पंचायत का अनुमोदन पत्र 28 अक्टूबर 2006 लिया गया। अनावेदक द्वारा 20 मई 2005 को स्व. बसंत चैहान ने जो सहमति पत्र दिया वह वैधानिक नहीं था, क्योंकि सेवा भूमि पर कोटवार का अधिकार नहीं होता। कोटवार अपनी भूमि को बेच या बदल नहीं सकता इसका संपूर्ण अधिकार कलेक्टर को है। यह भूमि आवेदिका को गुजर बस के लिए दिया गया था। जिस पर 21 साल से आवेदक का कब्जा है। जिस कारण आवेदिका गुजर बसर के लिए खेती नहीं कर पाई है जिस कारण से आर्थिक हानि हुई है, आवेदिका विधवा है उसकी कमाई का स्त्रोत नहीं है, दो बच्चों की जिम्मेदारी भी आवेदिका पर है। आवेदिका द्वारा धान से मिलने वाली गुजर बसर राशि का 21 सालों से एक प्रतिशत माह चक्रवृद्धि ब्याज की दर से 80 लाख रूपये भुगतान करवाने तथा ग्राम सराईपाली में स्थित भूमि को मुक्त करवाकर उसे सौंपे जाने की आवेदन किया था। राजस्व भूमि में नवदुर्गा फ्यूल पावर लिमिटेड के कब्जे की पुष्टि होने के बाद राजस्व विभाग ने नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों में अल्टीमेटम जारी करते हुए उक्त भूमि को खाली करने का आदेश जारी किया है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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