
सिंडिकेट बनाकर गरीबों के राशन में डाल रहे हैं डाका, बिना बांटे ही स्टॉक शून्य करने में लगे कुछ दुकान संचालक
क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़। राशन घोटाला मामला धरमजयगढ़ का पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खियां बटोर रहा है,। हाल ही में शासन की महत्वपूर्ण योजना के तहत तीन महीने जून, जुलाई और अगस्त का राशन वितरण करने की योजना बनाई गई है। जिसमें कुछ पीडीएस संचालक एकबार फिर राशन घोटाला कर वसूली की रकम को भ्रष्टाचार कर भरपाई करने में लगे हैं। कई ग्राम पंचायतें ऐसी हंै जिसमें हितग्राहियों का अंगूठा लगवाकर उन्हें राशन वितरण नहीं किया गया है।
वहीं कई ग्राम पंचायतों में 3 महीने का राशन वितरण के लिए अंगूठा का निशान तो ले लिया गया पर कुछ हितग्राहियों को 2 महीने का राशन दिया गया। शेष राशन ज़ब ग्रामीणों ने मांगा, तब वितरकों ने कहा की कुछ दिन बाद दिया जाएगा। जबकि धर्मजयगढ़ विकासखंड की कई ग्राम पंचायतों के पीडीएस दुकान के संचालकों पर राशन वितरण में गड़बड़ी के मामलों में प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए जेल भेजा है। मगर पीडीएस संचालक से लेकर वेयर हाऊस के अधिकारी तक सिंडिकेट बनाकर राशन घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। जिला प्रशासन को धरमजयगढ़ में हो रहे राशन घोटाले पर रोकने के लिए गंभीरता से कार्यवाही करने की जरूरत है। ताकि गरीब लोगों तक शासन की महत्वपूर्ण योजना का लाभ मिल सके। पीडीएस संचालकों द्वारा हितग्राहियों से 3 महीने का एक साथ अंगूठा लगवाकर ऑनलाइन राशन स्टॉक को वितरण होना मशीन में दिखा दिया जा रहा है वहीं गोदाम में राशन भरा हुआ है। आखिर इन पीडीएस संचालकों को किसका संरक्षण प्राप्त है जो बिना राशन वितरण किए मशीन में स्टॉक शून्य करने में लगे हुए हैं। अगर बाद में हितग्राहियों को राशन इन पीडीएस संचालकों द्वारा नहीं दिया गया तो एक बार फिर ग्रामीण गांव से निकलकर रायगढ़ कलेक्टर तक राशन नहीं मिलने की शिकायत करने लगेंगे।
शासकीय कांटे में बाट चढ़ाकर प्राइवेट काटे से वजन तौल
शासन के नियम अनुसार जिस शासकीय काटे का भौतिक सत्यापन खाद्य विभाग द्वारा किया गया है, उसी में हितग्राहियों को वजन कर राशन वितरण करना है। पर कई दुकान ऐसी हैं जहां अन्य चीजें चढ़ाकर शासकीय कांटे पर तौल किया जा रहा और प्राइवेट काटे में तौल कर ग्राहकों को राशन दिया जा हैं, ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं?
गंदा चावल खाने को ग्रामीण मजबूर
मुख्य शहर से अगर अंदर जाए तब कई ऐसे ग्राम पंचायत मिलेंगे जो पहाड़ी क्षेत्रों में बस्ते हंै और उन ग्राम पंचायतों में ग्रामीण गन्दा और लाल चावल खाने को मजबूर है जिसमें सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर खराब चावल वेयर हाऊस में आता कहां से है? आखिर क्यूं धरमजयगढ़ में चावल की गुड़वत्ता चेक करने में अधिकारी लापरवाही बरतते हैं? जिस वजह से ग्रामीण खराब चावल खाने को मजबूर हो रहें हैं। इससे पहले भी ग्राम पंचायत कूड़ेकेला के पीडीएस में राशन वितरण करने के लिए खराब चावल भेज दिया गया जिसे खबर चलने के बाद अधिकारियों के संज्ञान में आया फिर उचित मूल्य की दूकान से चावल वापस मंगवाया गया जिसकी जांच भी अभी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
क्या कहते हैं क्वॉलिटी अधिकारी गीताराम महिलांगे
मेरे द्वारा पूरा जांच करके ही वेयर हाऊस से पीडीएस दुकानों तक चावल जाता है, खराब चावल अगर चला गया होगा तो मैं उसका वापस पीडीएस दुकानों से मंगवा लूंगा।
क्या कहते हैं खाद्य निरीक्षक अधिकारी मनोज सारथी
फिंगर लगाने के बाद तत्काल हितग्राहियों को राशन वितरण करना है । जिस इलेक्ट्रानिक कांटा से मशीन जुड़ा हुआ है उससे ही राशन तौलकर हितग्राहियों को देना है। अगर फिंगर लगाने के बाद राशन नहीं दिया जा रहा और अन्यत्र कांटे से राशन तौलकर दिया जा रहा है तो उन पीडीएस संचालकों पर जांचकर कार्यवाही की जाएगी।