
डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने आक्रोश रैली निकालकर की आवाज बुलंद
मांगों व समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। एक ओर केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की तमाम कवायद कर रही है, नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है, दूसरी ओर रायगढ़ जिले में शिक्षा का बुरा हाल है। आलम यह है कि जिले के कई स्कूल-कालेज ऐसे हैं, जहां न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं। सरकार की तमाम योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। यह स्थिति स्कूली शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा की भी है। विडंबना की बात यह है कि जिले का लीड कॉलेज ही इस तरह की समस्या व असुविधाओं से जूझ रहा है, ऐसी स्थिति में अन्य कॉलेजों की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। प्राध्यापकों की कमी व अव्यवस्था के खिलाफ बुधवार को जिले के लीड कॉलेज शासकीय किरोड़ीमल कला और वाणिज्य महाविद्यालय (डिग्री कालेज) के छात्र-छात्राओं ने मोर्चा खोलते हुए आक्रोश रैली निकाली और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।
शहर के शासकीय किरोड़ीमल कला और वाणिज्य महाविद्यालय (डिग्री कालेज) में समस्याओं के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है। स्टूडेंट्स ने बुधवार को केजी कॉलेज से आक्रोश रैली निकाली और कलेक्टोरेट जाकर हल्लाबोल किया। छात्र नेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए समस्या के निदान के लिए गुहार भी लगाई। जि़ले के सबसे बड़े महाविद्यालय होने के बावजूद डिग्री कॉलेज में विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएँ भी प्रदान नहीं की जा रही है। यह जि़ले का एकमात्र शासकीय कॉलेज है जहां बीसीए की पढ़ाई होती है लेकिन पिछले 1.5 महीनों से महाविद्यालय में बीसीए की एक भी क्लास नहीं ली गई क्योंकि महाविद्यालय में बीसीए के एक भी प्राध्यापक ही नहीं है और ना ही नई शिक्षा नीति में शुरू हुए पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करवायी जाती है। नया सत्र शुरू हुए 1.5 महीने हो गए लेकिन अबतक महाविद्यालय द्वारा टाइम टेबल तक जारी नहीं किया गया हैं जिसकी वजह से किसी भी डिपार्टमेंट में रेगुलर क्लास नहीं ली जाती एवं कुछ समय में इंटरनल एग्जाम होने है ऐसे में विद्यार्थी पढ़े परीक्षा कैसे दें? बारिश होने पर कॉलेज के अंदर प्रवेश करना तक बड़ा कठिन होता है। साइकिल पार्किंग एक तालाब का रूप ले लेता है एवं कॉलेज के अंदर भी पानी भर जाता है। टाइल्स होने की वजह से अक्सर सभी फ़र्श पर फिसल कर गिर जाते है।
नाम की ई-लाइब्रेरी, संसाधन व सुविधाएं ही नहीं
पिछले ही वर्ष कॉलेज में ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया परंतु नये पाठ्यक्रम का एक भी कोर्स वहाँ उपलब्ध नहीं हैं। महाविद्यालय में किसी भी वाशरूम ना पानी आता है ना ही सफ़ाई। ख़ासकर छात्राओं के वाशरूम में गेट तक टूट चुके हैं जिससे कोई भी छात्रा वहाँ जाने पर सहज महसूस नहीं करती। विद्यार्थियों ने कई बार कॉलेज में प्राचार्य में समक्ष अपनी परेशानियों को रखा पर कॉलेज के पास पैसे नहीं है कह कर प्राचार्य हमेशा अपना पल्ला झाड़ लिया करती है जिसके फलस्वरूप आज विद्यार्थियों ने कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री ने नाम पर ज्ञापन सौपा।