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खरीफ में डीएपी की कमी नहीं : नैनो डीएपी बना किसानों के लिए लाभकारी विकल्प, रायगढ़ में पहुंचा 680 टन खाद

क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़।
चालू खरीफ मौसम में खेती किसानी के लिए ठोस डीएपी खाद की कमी को पूरा करने सरकार ने वैकल्पिक खादों की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की है। नैनो डीएपी इसका एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। तरल नैनो डीएपी के उपयोग से किसानों  को प्रति एकड़ धान की फसल में 75 रूपए का फायदा भी हो रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश में इफको कंपनी द्वारा 3 लाख 5 हजार बोतल से अधिक नैनो डीएपी का भंडारण कराया गया है। इसमें से डबल लॉक केंद्रों में 82 हजार 470 बोतल, प्राथमिक सहकारी कृषि साख समितियों में अब तक 1 लाख 41 हजार 389 बोतल और निजी क्षेत्र में 48 हजार बोतल तरल नैनो डीएपी भंडारित है। इफको कंपनी के पास अभी भी 33 हजार बोतल से अधिक नैनो डीएपी शेष बचा है। नैनो डीएपी की आधा लीटर की बोतल सहकारी समितियों में 600 रूपए की दर पर किसानों के लिए उपलब्ध है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की एक एकड़ फसल में लगने वाली 50 किलो ठोस डीएपी खाद के स्थान पर आधी मात्रा केवल 25 किलो ठोस डीएपी और आधा लीटर की एक बोतल नैनो तरल डीएपी ही पर्याप्त होता है। एक 50 किलो की ठोस डीएपी की बोरी का रेट 1 हजार 350 रूपए है। जिसकी तुलना में नैनो डीएपी के उपयोग से किसानों को प्रति एकड़ 75 रूपए का फायदा हो रहा है। किसान 25 किलो ठोस डीएपी के साथ आधा लीटर नैनो डीएपी का उपयोग कर रहे हैं। जो कि एक बोरी ठोस डीएपी के बराबर पोषण देता है।

नैनो डीएपी के लिए किसानों को किया गया जागरूक, डेमो देकर इस्तेमाल के तरीके भी सिखाए गए
राज्य सरकार ने ठोस डीएपी की कमी से किसानों को होने वाली असुविधा को समय रहते समझकर नैनो डीएपी के उपयोग के लिए किसानों को तेजी से जागरूक करने अभियान चलाया। कृषि विभाग के मैदानी अमले, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों की सहायता से किसानों को ठोस डीएपी के साथ नैनो डीएपी का खेतों में इस्तेमाल करने के तरीके बताए गए। कृषि चौपालों और विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से गांव-गांव जाकर किसानों को डेमोस्ट्रेशन देकर नैनो डीएपी का उपयोग करने के बारे में जानकारी दी गई है। कृषि विभाग द्वारा नैनो डीएपी से संबंधित पॉम्पलेट, बैनर, पोस्टर भी सहकारी समितियों में चस्पा कराए गए हैं। कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा निरंतर खेतों का भ्रमण किया जा रहा है और किसानों को नैनो डीएपी के उपयोग और उसके फायदों के बारे में बताया जा रहा है। इससे किसानों पूरे विश्वास के साथ अपनी धान की फसल में नैनो डीएपी का उपयोग कर रहे हैं।

रायगढ़ में 680 मैट्रिक टन डीएपी पहुंचा
रायगढ़ में आज 680 मे.टन डीएपी का भंडारण किया गया है। इसके अतिरिक्त नैनो डी.ए.पी.(लिक्विड) का रायगढ़ में लगातार भंडारण किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में अब तक 18676 मीट्रिक टन उर्वरक किसानों को वितरित किया जा चुका है। जिसमें 9170 मे. टन यूरिया, 2802 मे. टन सुपर फॉस्फेट, 3541 मे. टन डीएपी, 2057 मे. टन एनपीके और 1106 मे. टन पोटाश का वितरण समितियों के माध्यम से किसानों को किया गया है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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