
इरकॉन प्राईवेट लिमिटेड कंपनी को मिला है ठेका, 2055 करोड़ रुपए की लागत से बिछ रही 65.5 किमी लंबी रेल लाइन
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़। उरगा से धरमजयगढ़ रेल्वे लाइन निर्माण का ठेका इरकॉन प्राईवेट लिमिटेड को मिला हुआ है। जिसकी लागत लगभग 2055 करोड़ रुपए है, जिसमें 65.5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन में 45 किलोमीटर का हिस्सा कोरबा जिले में पड़ रहा है, जहां से रेल लाइन गुजर रही है वहीं लगभग 20 किलोमीटर रायगढ़ जिले में पड़ रहा है। रेल्वे लाइन का 80 फ़ीसदी हिस्सा हाथी प्रभावित है। इस वजह से रेल लाइन पर लगभग 6 स्थानों में अंडरब्रिज का निर्माण कराया जाएगा।
इरकॉन प्राईवेट लिमिटेड द्वारा छोटे-बड़े ब्रिज निर्माण का पेटी ठेका दो कंपनी आईएससी प्राइवेट लिमिटेड और अग्रवाल ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड को दिया गया है जिसमें दोनों कंपनी द्वारा ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है पर ग्राम हाटी के पास 70 नंबर पुल 3म3 बॉक्स ब्रिज जो कि निर्माण के समय ही पुल में दरार आकर धंस गया।
रेल्वे लाइन में जंगल के बीच से नाला गुजर रहा है उस नाले में रेल्वे का बॉक्स पुल का निर्माण करना था पर यहां तो निर्माण के वक्त ही पहली बारिश में ही पुल का निचली बेस ही पानी के बहाव में खोखला हो गया जिससे पुल ही धंस गया। जिससे सवाल यह उठता है कि जो रेल्वे लाइन निर्माण का सर्वे कर रही है क्या उसका सर्वेयर यह अनुमान नहीं लगा पाया कि किस तरह का यहां नाले में पानी का बहाव है जिससे पुल का निर्माण करना है अगर यह पुल बनकर तैयार हो जाता और यदि कोई अनहोनी होती तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होता?
शुरू से ही विवादों में रही है पेटी ठेका कंपनी
बता दें कि जब से रेल्वे लाइन निर्माण कार्य हो रहा है इरकॉन की पेटी ठेका कंपनी विवादों और शासन के राजस्व की क्षति करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। कभी बिना रॉयल्टी रेत की अवैध तस्करी तो कभी बिना अनुमति मिट्टी की खोदाई तो बिना अनुमति लिए मुख्यमार्ग को अवरुद्ध कर परिवर्तित मार्ग बनाना ही क्यों ना हो, बस किसी तरह अपना काम को शॉर्टकट तरीकों से करने में लगा हुआ है, कहीं इस पुल निर्माण का भी लापरवाही की यदि जांच की जाए तो ये ही कही जिम्मेदार ना निकले।
क्या कहते हैं कंपनी के डीजीएम
पानी के तेज बहाव के कारण पुल के नीचे का मिट्टी का कटाव होने से पुल धस गया है बाकी जो भी जानकारी चाहिए आप हेड ऑफिस बिलासपुर आकर जानकारी ले सकते है।
रविन्द्र नायक, इरकॉन डीजीएम