
नई गाईडलाईन से रायगढ़ में डीएमएफ मद से होने वाले काम पर संकट के बादल
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़। बीते करीब एक पखवाडे से डीएमएफ फंड के उपयोग को लेकर भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष और लैलूंगा के युवा भाजपा नेता रवि भगत के बयान से भाजपा खेमे में मचे सियासी बवंडर ने नया ही रुप ले लिया है। खनिज न्यास निधि से जुड़े इस बयान से आमने-सामने हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी और युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष की बयानबाजी के बीच एक तरफ भाजपा संगठन ने रवि को जहां नोटिस देकर राजनीति को गर्म हवा दी, वहीं छग केबिनेट की एक दिन पहले हुई बैठक में डीएमएफ केन्द्र सरकार की गाईडलाईन के पालन करने और डीएमएफ फंड का शत-प्रतिशत प्रभावित क्षेत्र व विधानसभा में प्राथमिकता के आधार पर खर्च करने को मंजूरी दे दी है।
राजधानी से लेकर रायगढ़ तक सियासी हल्के में चर्चा है कि केबिनेट के इस फैसले से जहां रवि भगत की मांग को सरकार का समर्थन मिला है और भगत का कद बढ़ गया है। वहीं केबिनेट के निर्णय के बाद सबसे बडा संकट रायगढ मे डीएमएफ फंड से मंजूर हुए दर्जनों निर्माण पर आ गया है। साथ ही रवि की आवाज बुलंद होने के बाद अब जिले के धरमजयगढ़ और अन्य ब्लाकों में भी खनिज न्यास निधि के उपयोग को स्थानीय प्राथमिकता मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर में सीएम विष्णुदेव साय ने बीते बुधवार को कैबिनेट की बैठक ली। बैठक में कई साय केबिनेट में कई अहम निर्णय लिए गए। जिसमें छत्तीसगढ़ डीएमएफ नियम में संशोधन किया गया है।
डीएमएफ की 70 प्रतिशत राशि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र में खर्च होगी। खनन क्षेत्र के 15 किमी के अंदर 70 प्रतिशत राशि खर्च होगी। डीएमएफ की 30 प्रतिशत राशि 25 किमी के अंदर खर्च होगी। पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि पर खर्च होगा। पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण पर राशि खर्च होगी। महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध व निशक्तजन पर राशि खर्च होगी। कौशल विकास, रोजगार, स्वच्छता पर चर्चा खर्च होगी।