
क्रांतिकारी संकेत
रायपुर। आदिम जाति विकास विभाग की अवर सचिव ने स्कूल शिक्षा विभाग के सिकरेट्री के अलावा प्रदेशभर के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर 2022, 2023 एवं 2025 में छात्रावास अधीक्षक के पद पर पदोन्नत हुए अधीक्षकों की पदस्थापना का आदेश जारी किया है। जारी पत्र में पदस्थापना से पहले काउंसलिंग करने और सशर्त पदस्थापना आदेश जारी करने कहा है।
वर्ष 2022, 2023 एवं 2025 में पदोन्नत हुए छात्रावास अधीक्षकों की काउंसिलिंग के बाद सशर्त पदस्थापना आदेश जारी किया जाएगा। अवर सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि विभागीय सेटअप के अनुसार जिलों में श्रेणी “स” के पद सीमित होने तथा अधिकांश श्रेणी “द” के अधीक्षकों की पदोन्नति उपरांत जिलों से बाहर पदस्थापना करने की स्थिति उत्पन्न हो रही है। लिहाजा जिलों में श्रेणी “द” के अधीक्षक के पद रिक्त हो रहे हैं। इसका असर ये कि द श्रेणी के छात्रावासों के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिलों में स्थित श्रेणी “द” के छात्रावास के निकट विद्यालयों / शालाओं (जहां के बच्चे छात्रावास में निवासरत है) में कार्यरत शिक्षकों के शिक्षकीय कार्य के अलावा (ऐसे शिक्षकों को शाला में दो कालखण्ड, अध्यापन हेतु अधीक्षक पद के दायित्व के अतिरिक्त करने) छात्रावासों के सुचारू रूप से संचालन के लिए श्रेणी “द” के छात्रावास अधीक्षक की भर्ती होने तक उनके वर्तमान कार्य के साथ-साथ अधीक्षकीय कार्य संपादन कराने की व्यवस्था की जाए।

अवर सचिव ने पत्र में लिखा है कि द श्रेणी के छात्रावास के नजदीक के विद्यालयों जहां के बच्चे छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रहे हैं, विद्यालय के जिम्मेदार शिक्षक को छात्रावास अधीक्षक के पद का दायित्व सौंपने कहा है। छात्रावास का दायित्व संभालने वाले शिक्षक को कम से कम दो पीरिएड बच्चों को पढ़ाई भी करानी होगी। यह व्यवस्था अस्थाई रहेगी। जैसे ही द श्रेणी के छात्रावासों में काउंसलिंग के बाद अधीक्षकों के पदस्थापना आदेश जारी करने और ज्वाइनिंग तक यह व्यवस्था चलती रहेगी। अधीक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद शिक्षक अपने शाला में पूर्व की तरह अध्यापन कार्य कराएंगे।