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डिजिटल अरेस्ट : बैंककर्मी से 39 लाख की ठगी, आखिर कैसे फंस रहे लोग, जानिए क्‍या है मामला..

क्रांतिकारी संकेत
दुर्ग।
जिले के सुपेला थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शातिर ठगों ने रिटायर्ड बैंककर्मी को अपने झांसे में लेकर 39 लाख रुपये की ठगी कर डाली। पीड़ित की शिकायत पर सुपेला पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, ठगों ने पीड़ित को बताया कि उनके नाम से फर्जी एटीएम कार्ड, पासपोर्ट और मलेशिया में ड्रग्स ले जाने का मामला सामने आया है। इसके बाद फर्जी पुलिसकर्मी और कस्टम अधिकारी बनकर ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया। गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर अलग-अलग किस्तों में उनसे 39 लाख रुपये वसूले।

फर्जी दस्तावेज दिखाकर बनाया शिकार
पीड़ित को डराने के लिए ठगों ने फर्जी वारंट और पैसे जमा करने के बाद रिजर्व बैंक की सील लगी नकली रसीदें भी भेजीं। पीड़ित को ठगे जाने का अहसास तब हुआ, जब उन्हें मामले में कुछ संदिग्धता महसूस हुई।

शिकायत के बाद सुपेला पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह ठगी का मामला संगठित गिरोह का हो सकता है, जो लोगों को डिजिटल तरीके से ठगने के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।

डिजिटल अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं
एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने कहा कि रिटायर्ड बैंक अधिकारी सुपेला थाने में ठगी का शिकायत दर्ज कराया बैंक अधिकारी को कस्टम अधिकारी बनकर लगभग 39 लाख रुपए की ठगी की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और दुर्ग पुलिस लोगों को अवेयरनेस के लिए कार्यक्रम चल रही है। साइबर ठगों से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं होता है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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