
क्रांतिकारी संकेत न्यूज रायगढ़। सिविल कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाकर तहसीलदार द्वारा केलो विहार की ढाई एकड़ सरकारी जमीन किसी दूसरे के नाम पर कर देने वाले मामले में पीडि़त पक्ष ने सोमवार को तहसील कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई और कलेक्टर को भी शिकायती ज्ञापन दिया है। जिसमें तहसीलदार पटवारी और संबंधितों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग के साथ केलो विहार समिति की जमीन का नामांतरण व रजिस्ट्री निरस्त करने की मांग की है।
केलो विहार समिति की ढाई एकड़ जमीन को अतिक्रमण कारी के नाम पर नामांतरण कर देने और उसकी बिक्री व रजिस्ट्री हो जाने के मामले में कलेक्टोरेट से लेकर तहसील दफ्तर में हडक़ंप मचा हुआ है। सोमवार को इस में पीडि़त पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई और कलेक्टर से मिलकर दस्तावेजों के साथ कायत भी की। ज्ञापन के अनुसार सिविल कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर पटवारी और तहसीलदार ने मिलीभगत कर इस मामले में केलो विहार समिति की करोड़ों की जमीन का अवैधानिक तरीके से नामांतरण कर दिया। जिसके बाद करीब 50 करोड़ की सरकारी जमीन महज 3.7 करोड़ में मनीष देवांगन को बेच भी दी गई। इसलिए इस मामले में संबंधितों पर एफआईआर दर्ज कर विभागीय कार्रवाई करने की मांग की गई है।
वहीं अवैधानिक नामांतरण और रजिस्ट्री को भी निरस्त करने की मांग की है। बताया जाता है कि मामले में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल बेहद नाराज हैं। सोमवार को उन्होंने इस मामले में आला अधिकारियों को अपने चेंबर में बुलाया और जमकर लताड़ भी लगाई है।