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रायगढ़ में बाबा गुरु घासीदास जयंती पर उमड़ा जन सैलाब…

भव्य शोभायात्रा ने दिया सामाजिक समरसता और एकजुटता का संदेश

‘जय सतनाम’ के नारों से गूंजा शहर, सत्ता-विपक्ष के प्रतिनिधि रहे मौजूद..

क्रान्तिकारी न्यूज रायगढ़
सतनाम पंथ के प्रवर्तक, महान समाज सुधारक बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर रायगढ़ शहर में गुरुवार को ऐतिहासिक और भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

शोभायात्रा रामलीला मैदान रायगढ़ से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए काशीराम चौक पर संपन्न हुई, जहां भंडारे के आयोजन के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ। इस दौरान शहर आस्था, श्रद्धा और जनसैलाब का साक्षी बना। बाबा गुरु घासीदास जी के विचार—“मनखे-मनखे एक समान”—को केंद्र में रखते हुए शोभायात्रा ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और राजनीतिक संवेदनशीलता को जागृत करने वाला कार्यक्रम साबित हुआ।

‘जय सतनाम’ से गूंजा शहर, दिखी अभूतपूर्व जनभागीदारी
शोभायात्रा मार्ग पर “जय सतनाम” के गगनभेदी नारों से पूरा शहर गूंज उठा। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग और बच्चे—हर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। बाबा गुरु घासीदास जी के तैलचित्रों, झांकियों और संदेश पटों ने लोगों को समानता और मानवता के मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाया।

पंथी नृत्य और लाठी युद्ध कला बना आकर्षण
छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का प्रतीक पंथी नृत्य और पारंपरिक लाठी युद्ध कला का शानदार प्रदर्शन शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण रहा। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं यह आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती से सामने लाता नजर आया।


राजनीतिक एकजुटता का भी बना मंच
बाबा गुरु घासीदास जयंती के इस आयोजन में सत्ता और विपक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इसे राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बना दिया। कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक न्याय, समान अधिकार और वंचित वर्गों की आवाज को मजबूती से उठाने का संदेश दिया गया। राजनीतिक हलकों में इस विशाल जनभागीदारी को आने वाले समय की सामाजिक-राजनीतिक दिशा के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
जगह-जगह स्वागत, शहर बना सेवा का केंद्र

शोभायात्रा के स्वागत में शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर पुष्पवर्षा, जलपान और सेवा शिविर लगाए गए। सामाजिक संगठनों और युवाओं ने व्यवस्था संभालते हुए अनुशासन और सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया। राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों ने भी अलग-अलग स्थान में शोभायात्रा का स्वागत कर बाबा गुरु घासीदास जी को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित की है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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