
केजी से क्लास 2 तक की पढ़ाई केवल मातृभाषा में
क्रांतिकारी संकेत
नई दिल्ली। अगर आपका बच्चा सीबीएसई स्कूल में पढ़ता है तो यह खबर ध्यान से पढ़ें। बोर्ड ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है। नए नियम इसी सत्र से लागू होंगे। सीबीएसई स्कूलों में बच्चे अब पहले अ से लेकर ई तक पढ़ेंगे। मैंगो के बजाय आम सिखाया जाएगा। कक्षा केजी से दूसरी तक पढ़ाई केवल मातृभाषा में होगी। यह बदलाव अगले 18 दिन में शुरू होगा। राजधानी में लगभग डेढ़ सौ सीबीएसई स्कूल हैं। इनमें करीब दो लाख बच्चे पढ़ते हैं। अंग्रेजी स्कूलों में मातृभाषा से दूर रहने की समस्या खत्म होगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार किया गया है। स्कूलों से इस बदलाव की रिपोर्ट भी मांगी गई है।
सीबीएसई ने केजी से कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए मातृभाषा में पढ़ाई अनिवार्य कर दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को उनकी मातृभाषा में प्रदान करना है। इस नीति के तहत, बच्चों को अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के बजाय उनकी मातृभाषा में पढ़ाई जाएगी, जिससे उनकी समझ और मानसिक विकास में सुधार होगा।
रायगढ़ सहित देशभर के सीबीएसई स्कूलों पर असर
सीबीएसई के नए निर्देश से रायगढ़ समेत पूरे छत्तीसगढ़ व देश के सीबीएसई स्कूलों पर असर पड़ेगा। इन स्कूलों में लाखों छात्र अध्ययन करते हैं, जो इस नए निर्देश से प्रभावित होंगे। यह कदम बच्चों की शिक्षा को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्कूलों को इस नीति को लागू करने के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
मातृभाषा में शिक्षा की आवश्यकता
अभिभावकों ने बताया कि बच्चे अब रंगों और गिनतियों को पहचानने में कठिनाई महसूस कर रहे थे, लेकिन इस कदम से उनकी मातृभाषा में शिक्षा मिलने से यह समस्या दूर होगी। पीके मालवीय ने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों के संवाद में कई बार रंग बेरंग हो जाते हैं, इन्हें अब हम वापस पास सकेंगे। पालकों का कहना है कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा मिलने से उनकी समझ में सुधार होगा और वे बेहतर तरीके से सीख सकेंगे। उन्होंने इस कदम को शिक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
स्कूलों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
सीबीएसई ने स्कूलों से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीति को सही तरीके से लागू किया जा रहा है। अगले 18 दिनों में इस नीति को लागू किया जाएगा और स्कूलों को तैयारी पूरी करने के लिए कहा गया है।