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Ola Electric की बढ़ी मुश्किलें : ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने मारे छापे, कई शोरूम किए बंद, व्हीकल्स जब्त

क्रांतिकारी संकेत
इलेक्ट्रिक टूव्हीलर बनाने वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शोरूम्स का विस्तार रेगुलेटरी संकट में फंस गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राहकों की शिकायतों के जवाब में भारत भर के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने ओला इलेक्ट्रिक के यहां छापे मारे हैं, शोरूम बंद किए हैं, व्हीकल्स को जब्त किया है और कंपनी से सवाल करते हुए कारण बताओ नोटिस भेजे हैं। ब्लूमबर्ग न्यूज ने इसे लेकर इंटर्नल डॉक्युमेंट्स और सरकार की ओर से चेतावनी वाले लेटर देखे हैं।

ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक अपने शोरूम्स की संख्या बढ़ाकर 4,000 कर ली है। ब्लूमबर्ग न्यूज की जांच में पाया गया है कि लगभग 3,400 ऐसे शोरूम, जिनका डेटा उपलब्ध है, में से केवल 100 से अधिक शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास भारत के मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। इसका मतलब है कि कंपनी के 95% से अधिक शोरूम्स में अनरजिस्टर्ड टूव्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने, उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने या उन्हें ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन की कमी थी।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में राजस्थान में काम कर चुके रिटायर्ड असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हंस कुमार के हवाले से कहा गया है कि देश के मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, टूव्हीलर्स के शोरूम सहित हर ऑटो शोरूम में अगर अनरजिस्टर्ड व्हीकल हैं, तो उनके पास स्पष्ट रूप से ट्रेड सर्टिफिकेट होना चाहिए।

ओला इलेक्ट्रिक की ओर से नकारे गए आरोप
ट्रांसपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि वे कथित उल्लंघनों के लिए ओला इलेक्ट्रिक की जांच कर रहे हैं। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि जांच के ये निष्कर्ष कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है, गलत और पक्षपातपूर्ण हैं। प्रवक्ता के मुताबिक, कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इनवेंट्री है, जो मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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