Homeरायगढ़सारंगढ़ डीईओ आफिस में एसीबी की दबिश, रिश्वतखोर आरटीई प्रभारी गिरफ्तार

सारंगढ़ डीईओ आफिस में एसीबी की दबिश, रिश्वतखोर आरटीई प्रभारी गिरफ्तार

स्कूलों की क्लेम राशि निकलवाने के एवज में डीईओ आफिस में पदस्थ अरुण दुबे ने मांगी थी रकम
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पटेल की शिकायत पर एसीबी ने योजनाबद्ध तरीके से पकड़ा

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज
सारंगढ़। एसीबी की टीम ने शुक्रवार को दोपहर सारंगढ़ जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में दबिश देते हुए आरटीई प्रभारी अरुण दुबे को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। उसने आरटीई की क्लेम राशि भुगतान की फाइलें भेजने के एवज में 50 हजार की रिश्वत की मांग की थी। इस पर एसीबी ने उसे रंगेहाथ पकडऩे की योजना बनाई और शिकायतकर्ता को रंग लगे नोट देकर भेजा। जब शिकायकर्ता ने उक्त कर्मचारी को रकम देकर एसीबी टीम को इशारा किया, तो टीम में शामिल अफसरों ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।

WhatsApp Image 2025-05-20 at 10.33.52 AM
WhatsApp Image 2025-05-20 at 10.33.52 AM

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ग्राम घथोरा निवासी चक्रधर पटेल ने एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलारापुर में शिकायत की थी कि वह प्राइवेट स्कूल मैनेजमेन्ट एसोसिएशन जिला सारंगढ-बिलाईगढ का जिला उपाध्यक्ष है। एसोसिएशन द्वारा 44 प्राईवेट स्कूलों के सत्र 2023-24 में शिक्षा के अधिकार के तहत दिये गये एडमिशन की क्लेम राशि भुगतान की फाइलें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से डीपीआई. कार्यालय, रायपुर भेजकर भुगतान कराने हेतु उसे अधिकृत किये जाने पर वह जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय, सारंगढ़ के आरटीई प्रभारी अरूण दुबे (सहायक शिक्षक) से मिला। आरटीई प्रभारी द्वारा प्रति स्कूल की फाईल भेजने हेतु रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पर आज ट्रेप आयोजित कर आरोपी अरूण दुबे को जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय, सारंगढ़ में प्रार्थी से कुल राशि का प्रथम किश्त 50,000 रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी अरूण दुबे को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर से एसीबी के अधिकारी दो गाडिय़ों में आए थे और डीईओ आफिस में करीब 3 घंटे तक पूछताछ के बाद आरोपी कर्मचारी अरुण दुबे को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए। 

बिलाईगढ़ विकासखंड का सहायक शिक्षक है अटैचमेंट में
बताया जाता है कि डीईओ आफिस में आरटीई का प्रभार देखने वाले अरुण कुमार दुबे का मूल पद सहायक शिक्षक है और वह बिलाईगढ़ क्षेत्र के स्कूल में पदस्थ था। उसने डीईओ आफिस में अटैचमेंट करा रखा था। विभाग के अधिकारियों ने उसे आरटीई का प्रभार दे दिया था। चर्चा यह भी है कि सारंगढ़ जिले में संचालित निजी स्कूलों से आरटीई का बिल पास कराने के एवज में लंबी रकम की वसूली की जाती थी। इसके लिए ही उक्त शिक्षक को यहां अटैचमेंट किया गया था। इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है। यदि इस मामले में बारीकी से जांच होती है, तो विभाग के बड़े अधिकारी भी सपड़ में आ सकते हैं।

तय है दर, एक लाख तक 3 हजार, उससे अधिक पर 5 हजार
बताया जा रहा है कि जिले में जितने भी प्राइवेट स्कूल हैं, उससे आरटीई बिल पास कराने के एवज में प्रति फाइल पर रकम तय है। उक्त रकम मिलने के बाद ही फाइल आगे बढ़ती है। बताया जा रहा है कि एक लाख रुपए से कम के बिल पर 3000 रुपए और 1 लाख से अधिक के बिल पर 5000 रुपए की मांग किए जाने की बात भी सामने आ रही है व आज के मामले में भी दो से ढाई लाख रुपए का मांगने की बात सामने आ रही है, जिसकी पहली कि़स्त के रूप में 50000 रुपए देने की बात भी सामने आ रही है लेकिन वास्तविकता क्या है, यह जांच का विषय है। संबंधित मामले में शिकायतकर्ता उक्त राशि देने पहुंचा तो योजनाबद्ध तरीके से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने अरुण दुबे को धर दबोचा।

नगर सहित पूरे जिले में निजी स्कूलों की भरमार
नगर सहित पूरे जिले संचालित निजी स्कूलों की भरमार है। शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले बच्चों को आरटीई के तहत निजी व बड़े स्कूलों में पढऩे का अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी पूरी फीस व अन्य खर्च राज्य शासन वहन करता है। इसी का बेजा लाभ सारंगढ़ नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नामचीन शैक्षणिक संस्थान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत कर उठाते हैं। जो मुंहमांगी रकम दे देते हैं, उन स्कूलों का बिल तो पास हो जाता है, जो नहीं दे पाते, उनका बिल अटक जाता है। यह खेल काफी लंबे समय से चल रहा है। 

Mentor Ramchandra (Youtube)

Mentor Ramchandra (Youtube)

spot_imgspot_img

Must Read