Homeरायगढ़Breaking News : खराब रिजल्ट पर 75 से अधिक शिक्षकों को नोटिस,...

Breaking News : खराब रिजल्ट पर 75 से अधिक शिक्षकों को नोटिस, मचा हड़कंप

डीईओ ने जारी किया आदेश, 30-60 प्रतिशत से कम अंक पर मांगा स्पष्टीकरण

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज
रायगढ़। शिक्षा विभाग ने रिजल्ट सुधारने के लिए कमर कस ली है। जिला शिक्षा अधिकारी ने उन सभी शिक्षकों को नामजद नोटिस जारी किया है जिनके द्वारा पढ़ाये जाने वाले विषय में छात्र-छात्राओं को बहुत कम अंक प्राप्त हुए हैं। यह नोटिस जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। इसमें लगभग सभी विषय के 100 से अधिक शिक्षक शामिल हैंं। जारी नोटिस में सन् 2023-24 के परीक्षा परिणाम में यह पाया गया कि कई विषयों के शिक्षकों के कारण परीक्षा परिणाम अपेक्ष अनुरूप नहीं रहा। इसलिए इन सभी स्कूलों के प्राचार्यों को 17 सितंबर को पत्र जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि इन सबसे जवाब लिया जाए। जिससे पता चले कि किस प्रकार से रिजल्ट खराब रहा। अन्यथा कार्यवाही करने की बात कही गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी इस पत्र में यह उल्लेखित किया गया है कि विभागीय समीक्षा जब की गई तो यह पाया गया कि कई विषय के शिक्षकों के विद्यार्थी 30 प्रतिशत से भी कम अंक लाए हैं। जबकि अधिकांश विषय के शिक्षकों के द्वारा लिए गए विषय में 60 प्रतिशत से कम अंक विद्यार्थी प्राप्त किए हैं। इन बातों को बड़ी गंभीरता से लिया गया है इसलिए ऐसे शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। यह जवाब 3 दिवस के भीतर सभी शिक्षकों को प्रस्तुत करना होगा। जिसके लिए तारीख तय कर दी गई है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही गई है।

WhatsApp Image 2025-05-20 at 10.33.52 AM
WhatsApp Image 2025-05-20 at 10.33.52 AM

10वीं-12वीं की विशेष चिंता
जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा ली गई विभागीय समीक्षा बैठक में कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिसके कारण यह स्पष्टीकरण नोटिस 10वीं एवं 12वीं के शिक्षकों के लिए जारी किया गया है। इस नोटिस में सभी को यह निर्देशित किया गया है कि परीक्षा परिणाम के संबंध मेें अपना स्पष्टीकरण 3 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें और यह स्पष्टीकरण प्राचार्य के समक्ष स्वयं प्रस्तुत होकर देना है। यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि समयावधि में जवाब नहीं दिया गया तो एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी। जिसकी जवाबदारी स्वयं शिक्षकों की होगी।

काफी संख्या में शामिल स्कूल
30 प्रतिशत व 60 प्रतिशत से कम शामिल वाले स्कूलों में हाई स्कूल नरकालो, उमावि छाल, हाईस्कूल खम्हार, हाईस्कूल चाल्हा, उमावि खडग़ांव, उमावि लारीपानी, हाईस्कूल रेगड़ा, हाईस्कूल वीरसिंघा, हाईस्कूल बंगुरसिया, हाईस्कूल बजरमुड़ा, उमावि तमनार, नगर पालिका उमावि खरसिया, उमावि पुसौर, हाईस्कूल केकराझरिया, हाईस्कूल कोसमघाट, हाईस्कूल तेलीकोट, उमावि नंदेली, हाईस्कूल केवड़ाबाड़ी, उमावि महलोई, उमावि जामगांव, उमावि बड़े भंडार, हाईस्कूल कुंजारा, उमावि लैलूंगा, उमावि देवगढ़, हाईस्कूल बोजिया, हाईस्कूल केसला, हाईस्कूल कुपापानी, हाईस्कूल रामभांठा, उमावि बगचबा, उमावि हलाहुली, उमावि मिलूपारा, उमावि कन्या लैलूंगा आदि शामिल हैं। इसमें अनेक स्कूल ऐसे हैं जिनका 3-3, 4-4 विषयों में खराब रिजल्ट आया है। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं यह देखने लायक बात होगी।

शहर व ग्रामीण शिक्षक शामिल
कम परीक्षा परिणाम में मुख्य रूप से धरमजयगढ़ के नरकालों स्कूल के गणित विषय में रोहित पांडे, उमावि छाल के गणित के विष्णु राठौर, उमावि छाल के विज्ञान के बृजलाल राठिया 30 प्रतिशत से कम वाले शिक्षकों में शामिल हैं। इसके अलावा 60 प्रतिशत से कम वाले शिक्षकों में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान विषय के अधिकांश शिक्षक हैं जबकि कुछ शिक्षक राजनीति, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत आदि के हैं। इस सूची में गायत्री भगत, मंगल उरांव, सुबोध कुमार, अजित कुजूर, रमादेवी थवाईत, दूरपति सिदार, उत्तरा कुमार पटेल, संदीप चौधरी, रीना कुमारी, मीरा साहू, सुनीता एक्का आदि मिलाकर 75 से अधिक शिक्षक शामिल हैं।

नहीं होता नोटिस का असर
जिला शिक्षा अधिकारी हर वर्ष प्रयास करते हैं कि नोटिस देकर, समझाईश देकर, सेमीनार कर, दौरा कर, ईनाम देकर, अनेक प्रकार के उपाय कर शिक्षकों में सुधार का प्रयास करते हैं लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि सरकारी नौकरी होने के कारण नौकरी की चिंता या डर या पालकों का दबाव या अपमान की फिकर नहीं होती हैं। जिसके कारण जिला शिक्षा कार्यालय का पवित्र प्रयास भी असफल हो जाता है। शिक्षक जब मेहनत नहीं करता है तो इस प्रकार की नोटिस से बचने के लिए राजनीति का भी सहारा लेता है। ऐसे में शिक्षा विभाग में सुधार नहीं हो पाता है और सरकारी स्कूल बदनाम होते रहते हैं जिसके चलते शिक्षा विभाग की छबि खराब होती जाती है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

Mentor Ramchandra (Youtube)

spot_imgspot_img

Must Read