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दूसरे दिन भी चली तोडफ़ोड़, कांग्रेस ने किया विरोध, 100 से अधिक गिरफ्तार

दूसरे दिन दोगुनी तादाद में बुलडोजर-पोकलेन लेकर पहुंचा प्रशासन, जमकर हुआ बवाल
न्यू मरीन ड्राइव परियोजना पर गरमाई राजनीति, आज आएंगे पीसीसी चीफ दीपक बैज

क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़।
जेल पारा और प्रगति नगर में मरीन ड्राइव परियोजना के लिए घरों को तोड़े जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यहां स्थित घरों पर बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में रविवार सुबह फिर कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। निगम का दस्ता जब घरों को तोडऩे के लिए पहुंचा, तो बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में प्रदेश की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। नगर निगम द्वारा की जा रही तोडफ़ोड़ से प्रभावित लोगों से मिलने पीसीसी चीफ दीपक बैज सोमवार को रायगढ़ आ रहे हैं। उनके साथ पीसीसी द्वारा इस मामले को लेकर बनाई गई जांच कमेटी के संयोजक पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल, धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया, लालूँगा विधायक विद्यावती सिदार, बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे, सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े सहित कई स्थानीय नेता रायगढ़ आ रहे हैं।

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रायगढ़ में न्यूज मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए तोडफ़ोड़ करने के खिलाफ रविवार को कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, शनिवार से केलो तट किनारे प्रगति नगर कयाघाट इलाके में तोडफ़ोड़ की गई। पहले दिन 20 घरों को तोड़ा गया। दूसरे दिन सुबह से फिर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू हुई। जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और स्थानीय लोगों ने प्रशासन, स्थानीय विधायक और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस बल ने उन्हें समझाइश देने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी तोडफ़ोड़ का विरोध करते रहे। जिसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक प्रकाश नायक, शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला, ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी, निगम नेता प्रतिपक्ष सलीम नियारिया,, पूर्व सभापति जयंत ठेठवार, संजय देवांगन, दीपक पाण्डेय, राकेश पांडे, शाखा यादव, वसीम खान, संदीप अग्रवाल , अमृत काटजू समेत 100 से अधिक कांग्रेसियों और स्थानीय लोगों को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और विरोध कर रहे स्थानीय लोगों सहित लगभग सौ से अधिक को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें उर्दना बटालियन के स्थायी जेल में दिन भर रखा गया है। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी महिला की तबीयत भी बिगड़ी जिसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।

पुलिस बल की रही तगड़ी तैनाती
तोडफ़ोड़ की कार्रवाई को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था। विरोध के दौरान कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच जमकर बहस और नोकझोंक हुई। कांग्रेस नेताओं ने निगम और प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों के घर उजाडऩे की कोशिश का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक गरीबों के साथ अन्याय बंद नहीं किया जाता।

गिरफ्तारी के बाद भी प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी
वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे गरीबों के हक की लड़ाई जारी रखेंगे और जल्द ही बड़े स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस मामले को लेकर पहले ही एक जांच कमेटी बनाई है। मोहल्ले में अब भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रशासन हालात पर नजर बनाया हुआ है। तोडफ़ोड़ के तीसरे दिन भी रायगढ़ में हंगामे के आसार हैं। पीसीसी चीफ के आने से सोमवार को रायगढ़ का माहौल तनावपूर्ण होने की संभावना है।

रोज-रोज की नोटिस व माप के पैमाने से मोहल्लेवासी क्षुब्ध: कांग्रेस
रायगढ़। जिला कांग्रेस ग्रामीण व शहर अध्यक्ष द्वय नगेन्द्र नेगी व अनिल शुक्ला ने बताया कि तोडफ़ोड़ की कार्रवाई से क्षुब्ध मोहल्ले वासियों ने पुन:नोटिस प्राप्त होने की सूचना और बड़े पैमाने पर तोडफ़ोड़ होने के संकेत दिए। इस पर कांग्रेस नेताओं ने बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचकर अव्यवहारिक तोडफ़ोड़ कार्यवाही का विरोध किया। मौके पर एसडीएम व आयुक्त नगर निगम से बात कर ये जानकारी चाही कि आखिर इस तोडफ़ोड़ पर शहर सरकार की मंशा मरीन ड्राइव बनाना है या रसूखदार कालोनाइजरों को चौड़ी सडक़ बनाकर फायदा पहुंचाना है। प्रशासन से मरीन ड्राइव का नक्शा भी मांगा गया। आयुक्त अपने जवाब से न तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट कर पाए न ही जिनके घर टूटने हैं उन्हें ही संतुष्ट कर पाए। ऐसी स्थिति में भीड़ उत्तेजित होकर जिला प्रशासन की कार्यवाही को अव्यवहारिक मानते हुए तोडफ़ोड़ को तत्काल रोकने हेतु कहा। उनका कहना था कि आप 16 मीटर की बात कहकर 25-30 मीटर तक निशान लगवाए हैं जो हम सब मोहल्लेवासियों के साथ न केवल अन्याय है। यदि आपकी माप का यही पैमाना है तो दूसरे मरीन ड्राइव में बन रहे नालंदा लाइब्रेरी परिसर को पहले तोड़ा जाए। नदी की जद में ही विरासत कालींन महल बना हुआ है। केलो पूल के नीचे ही निगम की कई दुकानें भी बनी है। लेकिन जिला प्रशासन ने मोहल्लेवासियों की पीड़ा को भी नहीं समझा रोती बिलखती महिलाओं के दर्द को अनदेखा कर उन्हें गिरफ्तार कर अस्थायी जेल उर्दना भेज दिया, जहां 2 महिलाएं बेहोश होकर गिर पड़ी। उन्हें एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल दाखिल किया गया।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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