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रायगढ़ जिले में कांग्रेस को झटका, भाजपा की सधी हुई रणनीति आई काम

वार्ड 18 से पूनम सोलंकी और वार्ड 45 नारायण प्रसाद पटेल को वॉक ओवर, दोनों निर्विरोध पार्षद चुने गए
क्रांतिकारी संकेत के खबर पर लगी मोहर, वार्ड क्रमांक 18 से पूनम सोलंकी को वॉक ओवर

क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़।
 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दूसरा झटका लग चुका है, पहला झटका धमतरी से कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द होने से लगा था। एक और झटका कांग्रेस को रायगढ़ जिले में लगा है। यह झटका कांग्रेस के लिए रायगढ़ जिले के लिए पहला झटका है लेकिन इसका सीधा असर शहर के वार्ड नंबर 15, 16, 17, 19 में सीधे तौर पर देखने को मिलेगा। इसके अलावा वार्ड क्रमांक 45 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी खीरीलाल सिंह ठाकुर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। यहां भाजपा के प्रत्याशी नारायण प्रसाद पटेल निर्विरोध पार्षद चुन लिए गए हैं।

रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 18 को लेकर विगत दिनों क्रांतिकारी संकेत ने समाचार के माध्यम से स्पष्ट कर दिया था कि वार्ड नंबर 18 से भाजपा प्रत्याशी पूनम सोलंकी के विरद्ध चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस के पास कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं है। लिहाजा कांग्रेस को इस वार्ड से किसी बाहरी प्रत्याशी का पैरासूट लैंडिंग कराना होगा या फिर डमी कैंडिडेट को टिकट देकर पार्टी की साख बचानी होगी। कांग्रेस ने इस वार्ड से शीला साहू को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन 31 जनवरी को नाम वापसी का आखिरी दिन था और कांग्रेस प्रत्याशी शीला साहू ने नामांकन वापस लिया है। ऐसे में पूनम सोलंकी को वॉकओवर मिल गया है और वह निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हो गई हैं। इस वाक्या ने रायगढ़ के नगर निगम में भाजपा की सधी हुई रणनीति को परीलक्षित कर दिया है। और कांग्रेस नेतृत्व पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कांग्रेस के नेताओं को राजनीति का लंबा अनुभव होने के बावजूद ऐसी परिस्थिति के लिए कोई तैयारी क्यों नहीं की? हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी शिला साहू और खीरीलाल सिंह ठाकुर के नाम वापसी के बाद कांग्रेसी एक्टिव हुए। शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला सहित कुछ कांग्रेसियों ने कलेक्टोरेट के निर्वाचन कार्यालय में जमकर हंगामा किया। उनकी मौजूदगी और विरोध प्रदर्शन ने वार्ड नंबर 23 से होने वाले नाम वापसी को रोका और कांग्रेस का तीसरा विकेट गिरने से बच गया। वार्ड नंबर 23 के कांग्रेस प्रत्याशी शरद महापात्रे का फॉर्म यथावत रह गया। अब वार्ड नंबर 23 में पंकज कंकरवाल और शरद महापात्रे के बीच मुकाबला होगा। लेकिन यह बात भी काफी दिलचस्प है कि शरद महापात्रे अपना नाम वापस लेने के लिए तैयार हो गए थे। अब इस वार्ड से वह कितनी मजबूती से कांग्रेस के लिए या अपने लिए वोट मांगेंगे। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि इस वार्ड से भाजपा के प्रत्याशी का मुकाबला किसी निर्दलीय प्रत्याशी से होगा या फिर वार्ड नंबर 23 से भी भाजपा प्रत्याशी पंकज कंकरवाल को वॉक ओवर मिल चुका है।

कांग्रेस का गंभीर आरोप- वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने दबाव डालकर कराई नाम वापसी
इस पूरे मामले में कांग्रेस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा और रायगढ़ विधायक प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि कांग्रेस के प्रत्याशियों को वित्त मंत्री ओपी चौधरी के इशारे पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने दबाव पूर्वक नाम वापसी कराई है। इस कृत्य से लोकतंत्र की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गैर लोकतांत्रिक तरीकों से विरोधी पार्टियों के प्रत्याशियों को प्रभावित करना गलत है। रायगढ़ के इतिहास में इससे पहले कभी भी इस तरह की राजनीति नहीं देखी गई है। भाजपा पूरी तरह डरी हुई है इसीलिए प्रदेश में पहले चुनाव को डालना चाह रही थी। अब चुनाव में भय का माहौल बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 18 और 45 में नाम वापसी हो गई, लेकिन हमारे प्रत्याशी लापता हो गए हैं। वे कहां हैं अभी तक हमें पता नहीं, उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। उनका कहना था कि वार्ड क्रमांक 23 के अलावा 18 और 45 के पार्षद प्रत्याशियों के साथ जबरदस्ती की गई है। उन्हें जबरदस्ती कलेक्ट्रेट लाकर धमकाकर नाम वापसी कराई गई है। उन्होंने सभी कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ अन्य प्रत्याशियों को भी सुरक्षा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि थाने से धमकी दिलवाकर भी कई प्रत्याशियों की नाम वापसी कराई गई। यह पूछे जाने पर कि यहां शरद महापात्र क्यों नहीं हैं उन्होंने कहा कि शरद महापात्र की मानसिक स्थिति अभी ठीक नहीं।

दिग्गज कांग्रेसियों के वार्ड में कांग्रेस हारी
वार्ड क्रमांक 18 दरोगापारा, गांधी गंज, एवं स्टेशन चौक का एरिया आता है खास बात यह है कि इसी वार्ड में जिला कांग्रेस भवन भी है। कांग्रेस के कई दिग्गज इस वार्ड में रहते हैं। यह वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ था मगर आरक्षण में बदलाव के बाद कांग्रेसियों ने इस वार्ड को ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि कोई सक्रिय नेता कांग्रेस से चुनाव लडऩे के लिए तैयार नहीं हो रहा था। कांग्रेस ने इसलिए पार्टी की एक पुरानी कार्यकर्ता को 18 नंबर वार्ड चुनाव लडऩे के लिए तैयार किया और उनका फार्म भरवा दिया। मगर ऐन मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी शिला साहू ने अपना नामांकन वापस ले लिया और दिग्गज कांग्रेसियों के वार्ड में ही कांग्रेस हार गई।
वार्ड नं. 45 से कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन
वार्ड नं. 45 भगवानपुर की सामान्य सीट से कांग्रेस प्रत्याशी खिरीलाल सिंह ठाकुर ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है। जिसके कारण यहां के भाजपा प्रत्याशी नारायण पटेल भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
ओपी चौधरी ने कसा तंज
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूनम सोलंकी सहित सभी के निर्विरोध चुनाव जितने को लेकर कांग्रेस पर तंत्र करते हुए कहा कि कांग्रेस डूबती हुई नाव है यह फिर एक बार प्रमाणित हुआ है। कांग्रेस को अपनी स्थिति पर विचार करना चाहिए आखिर कब तक कांग्रेस परिवारवाद और चापलूसी वार्ड को बढ़ावा देते रहेगी।
विवाद के बाद बच पाया 23 का प्रत्याशी
वार्ड क्रमांक 18 और 45 की तरह वार्ड नंबर 23 के कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम वापसी की तैयारी पूरी तरह कर लिया गया था। वक्त रहते निर्वाचन कार्यालय पर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला, वरिष्ठ नेता दीपक पांडेय, युवक कांग्रेस एनएसयूआई के कार्यकर्ता पहुंच गए। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर विवाद हुआ। मामला गरमाता देख पुलिस को भी आगे आना पड़ा इस बीच कलेक्टोरेट परिसर के अंदर काफी देर तक माहौल गर्म रहा। कांग्रेस नेताओं के सक्रियता और विवाद के कारण और क्रमांक 23 के कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापसी नहीं हो पाया।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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