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रायगढ़ जिले के कृषकों को 20 हजार 763 मेट्रिक टन उर्वरकों का किया गया वितरण

किसानों के बीच पहुंचकर कृषि अधिकारी दे रहे जानकारी

क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़।
डीएपी खाद के सीमित आवक के मद्देनजर शासन ने वैकल्पिक तैयारी कर ली है। डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट, एनपीके तथा लिक्विड एनपीके जैसे उवर्रकों की समुचित व्यवस्था की गई है। इन उर्वरकों में भी आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते है जो फसल की उत्पादकता को बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है।

उप संचालक कृषि अनिल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम के अनुकूल परिस्थिति को देखते हुए जिले में कृषि कार्य जोरों पर है। जिले में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण, बीज उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। जिले की समितियों में अब तक कुल 27,785 मेट्रिक टन उर्वरक भंडारण कराया जाकर अब तक 20,763 मेट्रिक टन उर्वरकों का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। कृषकों के द्वारा डीएपी की मांग सबसे अधिक रही है, लेकिन इस वर्ष में डीएपी के सीमित आवक के कारण डीएपी के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, लिक्विड एनपीके का पर्याप्त भण्डारण जिले में किया जा रहा है।

फसल की उत्पादकता को बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री गौरीशंकर पटेल किसानों के बीच जाकर सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके खाद के बारे में जानकारी देेते हुए बताया कि एनपीके 20:20:0:13 अमोनियम फास्फेट सल्फेट उर्वरक में नाइट्रोजन 20 प्रतिशत, फास्फोरस 20 प्रतिशत एवं सल्फर 13 प्रतिशत उपलब्ध होता है। उर्वरक में सल्फर की उपलब्धता होने के कारण फसलों में क्लोरीफिल एवं प्रोटीन का निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। सिंगल सुपर फास्फेट में स्फुर की मात्रा 16 प्रतिशत के साथ-साथ सल्फर 11 प्रतिशत एवं कैल्शियम 21 प्रतिशत होने के कारण मृदा अम्लीयता को सुधार कर पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाती है। जिसके उपयोग से फसलों के उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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