
फिलहाल गड्ढों को समतल कर बनाया जा रहा चलने लायक, अधिकारियों के निर्देश पर एमएसपी ने शुरू किया कार्य
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। आखिरकार बदहाली के दलदल में फंसी अतरमुड़ा से नेशनल हाईवे तक जर्जर सड़क की प्रशासन ने सुध ली। फिलहाल, सडक़ के बड़े-बड़े गड्ढों को पाटकर समतल किया जा रहा है, ताकि कम से कम चलने लायक सडक़ बन जाए। यह कार्य एमएसपी के सीएसआर मद से कराया जा रहा है। क्रांतिकारी संकेत में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने इस सडक़ की सुध ली और एमएसपी प्रबंधन को मरम्मत कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस निर्देश के बाद कंपनी जेसीबी की सहायता से सडक़ के गड्ढों को भर रहा है।

हालांकि इस सडक़ के लिए 14 करोड़ स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन आगे निर्माण कार्य प्रारंभ करने की प्रक्रिया फिलहाल शून्य है। इस सडक़ के निर्माण में भू-अर्जन सहित कई बाधाएं हैं, इन सब प्रक्रियाओं को पूरा होने में अभी काफी समय लगेगा। तब तक क्षेत्रवासियों को ऐसे ही काम चलाऊ सडक़ से आवागमन करना पड़ेगा। क्रान्तिकारी संकेत ने अपने 5 अक्टूबर के अंक में ‘वाह रे सडक़! बदहाली के दलदल में फंसी लैलूंगा विधानसभा की सडक़’, ‘परेशान रायगढ़ वासी’ शीर्षक के माध्यम से एकताल मार्ग से नेशनल हाईवे को जोडऩे वाले अतरमुड़ा, बोंदाटिकरा पहुंच मार्ग की जर्जर स्थिति को प्रमुखता से उठाया था। आज उस खबर का असर देखने को मिल रहा है।
लैलूंगा और रायगढ़ के मध्य स्थित यह मार्ग लंबे समय से जर्जर स्थिति में है मगर इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। पिछले दिनों स्थानीय नागरिकों ने प्रशासनिक उदासीनता को देखते हुए इस रोड में निजी व्यय पर मरम्मत का कार्य कराया था मगर बारिश के छीटें पड़ते ही सडक़ खोखली हो गई और सडक़ कीचड़ में तब्दील हो गई। इस सडक़ से चलने वाला हर शख्स लैलूंगा और रायगढ़ के चुने हुए जन प्रतिनिधियों को कोसता नजर आता है। क्रांतिकारी संकेत में खबर प्रशासन के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हुए हैं इनके द्वारा निजी कंपनी को हिदायत दी गई है कि कंपनी अपने सीएसआर मद के द्वारा अतरमुड़ा से नेशनल हाईवे तक जाने वाली जर्जर सडक़ मरम्मत कार्य करें ताकि इस रास्ते से आने जाने वाले हजारों लोगों को थोड़ी राहत मिल सके।

सडक़ निर्माण के लिए भू-अर्जन बन सकता है सबसे बड़ा रोड़ा
एक ताल मार्ग से अतरमुड़ा से नेशनल हाईवे तक सडक़ निर्माण के नए प्रपोजल में 2.30 किलोमीटर सडक़ के साथ-साथ पुल-पुलिया का भी निर्माण होना है। जिसके लिए पीडब्ल्यूडी को सडक़ किनारे का कृषि व निजी भूमि का अर्जन भी करना होगा लेकिन उक्त मार्ग से कितने किसान व निजी भू स्वामी प्रभावित होंगे, इसका कोई आंकड़ा फिलहाल विभाग के पास नहीं है। हालांकि विभाग जल्द ही सडक़ निर्माण में प्रभावित होने वाले भूस्वामियों की सूची तैयार करने की बात कह रही है। लेकिन इस मार्ग के सडक़ किनारे रहने वाले लोगों में इस बात को लेकर अभी से हडक़ंप मच गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के निर्धारित मुआवजा दर को लेकर भी लोगों में भारी नाराजगी है। इस मार्ग से प्रभावित होने वाले किसान व निजी जमीन मालिकों को किस दर से मुआवजा मिलेगा, इस पर अभी तक संशय बना हुआ है। इससे ऐसा ही लगता है कि इस मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए भू-अर्जन प्रक्रिया सबसे बड़ा रोड़ा साबित होगा।
स्वीकृत हुए हैं 14 करोड़ लेकिन प्रोग्रेस जीरो
एकताल-अतरमुड़ा पहुंच मार्ग 2 साल से खराब है। लोग मजबूरी में इसी मार्ग से आवागमन करते हैं। 2.30 किलोमीटर लंबी सडक़ के निर्माण के लिए 14 करोड़ 57 लाख 20 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति नियम और शर्तों के आधार पर 15/ 3/ 2024 को पीडब्ल्यूडी विभाग को मिल चुकी है मगर धरातल पर इस सडक़ निर्माण का प्रोग्रेस अब तक जीरो है।
खर्च तो कर दिया अब मुनाफा भी चाहती है कंपनी
अतरमुड़ा मार्ग की दुर्दशा को लेकर लगातार लोग सोशल मीडिया में रायगढ़ विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी और लैलूंगा विधायक विद्यापति सिदार की आलोचना कर रहे हैं। एक छोटी सडक़ के निर्माण को लेकर लगातार हो रहे फजीहत के चलते जनप्रतिनिधियों अपने-अपने क्षेत्र के अधिकारियों को फटकार भी लगाई है। जिसके चलते रायगढ़ के एक उच्च अधिकारी ने एमएसपी को इस मार्ग के मरम्मत का कार्य सौंपा है। इस बड़े अधिकारी के कहने पर एमएसपी ने रोड का मरम्मत शुरू तो कर दी है पर सूत्रों से पता चल रहा है कि एमएसपी ने इस रोड पर खर्च तो कर दिया है अब मुनाफा भी चाहती है। रायगढ़ के एक अधिकारी के साथ मौखिक समझौता के आधार पर एमएसपी इस रोड पर अपने भारी वाहन दौडऩा चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो एसपी के साथ-साथ सरकार के इस अफसर को भी आम नागरिकों का विरोध का सामना करना पड़ेगा। इस मार्ग पर भारी वाहन दौडऩे से आम जनजीवन के साथ-साथ स्कूली छोटे बच्चों पर भी खतरा बढ़ जाएगा।