Homeरायगढ़पुसौर तहसील में अफसर नहीं दलालों पर निर्भर है ग्रामीणों का फैसला..!

पुसौर तहसील में अफसर नहीं दलालों पर निर्भर है ग्रामीणों का फैसला..!

छोटे-छोटे कार्यों के निराकरण के लिए कलेक्टर की शरण में आ रहे पुसौर क्षेत्र के लोग

क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़।
पुसौर तहसील में किस हद तक आम जनता परेशान है इसका अंदाजा जिला कलेक्टोरेट में होने वाले साप्ताहिक जन दर्शन में आसानी से देखा जा सकता है। जन दर्शन में लगने वाले कतार में सबसे अधिक लोग पुसौर क्षेत्र से पहुंचाते हैं। इसका मतलब साफ है कि जमीनी स्तर पर लोगों का काम नहीं हो रहा इसलिए लोग अपने छोटे-छोटे कार्यों के निराकरण के लिए जिला कलेक्टर के शरण में आ रहे हैं। पुसौर तहसील में आने वाले फरियादी वहां के अधिकारी से न्याय मिलने की उम्मीद काम और दलालों के सेटिंग पर ज्यादा भरोसा करते हैं। जो काम या फाइल दलालों के माध्यम से अधिकारियों के टेबल तक पहुंच रहा है वह कार्य तुरंत हो जाता है वरना लोग महीनो से तहसील कार्यालय का चक्कर काटने के लिए मजबूर है।

ऐसे एक दो नहीं कई मामले है जो महीनो से लंबित है फरियादी और दलालों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण बेवजह लोगों को तहसील कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिना दलाल के हस्तक्षेप के मामले नहीं सुलझते है एक पीडि़त नहीं अपना नाम सार्वजनिक नहीं करने के शर्त पर हमारे संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने गांव की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के संबंध में शिकायत की थी परंतु तहसील के सक्रिय दलाल और अधिकारियों ने कब्जा करने वाले पक्ष से सेटिंग कर उसे ही तहसील से डरा धमकाकर भगा दिया। बताया जा रहा है की तहसील में सक्रिय कई दलालों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और उनकी आजीविका भी तहसील परिसर से होने वाले इस अवैध कीमकाज और सेटिंग पर ही निर्भर है। वर्षों से डटे हुए कुछ अधिकारी इन्हें संरक्षण दे रहे है जिस कारण पुसौर कार्यालय का भ्रष्टाचार का बड़ा अड्डा बन गया है।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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