
क्रांतिकारी न्यूज़
रायगढ़: छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को हाल ही में बिजली बिलों में हुई भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आम जनता में रोष और चिंता का माहौल है। राज्य के पूर्व कांग्रेस सरकार के द्वारा घोषित 400 यूनिट तक ‘हाफ बिजली बिल योजना को घटाकर 100 करने से उपभोक्ताओं को पिछली बार की तुलना में दोगुने से भी अधिक बिल मिल रहे हैं। इस अचानक बढ़ोतरी ने न केवल गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के बजट को बिगाड़ दिया है, बल्कि प्रदेश के भाजपा सरकार की योजनाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रायगढ़ जिला कांग्रेस के प्रवक्ता ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के गलत फैसले ने आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है। भाजपा के डबल इंजन ने छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं की बिजली बिल दोगुने से भी अधिक बढ़ाकर महतारी वंदन योजना के तहत दी जाने वाली राशि की वसूली शुरू कर दी है।
मासिक रीडिंग में अनियमितता

कांग्रेस प्रवक्ता दीपक मंडल ने बताया कि कई उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा मीटर रीडिंग नियमित रूप से नहीं ली जा रही है। पिछले कुछ महीनों के बिलों को एक साथ समायोजित करने के कारण बिलों की राशि बहुत बढ़ गई है।
पुरानी बकाया राशि का समायोजन: कुछ मामलों में उपभोक्ताओं के पुराने बकाये को वर्तमान बिल में जोड़ दिया गया है, जिससे बिल की कुल राशि में भारी बढ़ोतरी हुई है।

फाइल फोटो
हाफ बिजली बिल योजना पर सवाल
दीपक मंडल का कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई ‘हाफ बिजली बिल योजना’ का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना था। इस योजना के तहत 400 यूनिट तक की खपत पर बिजली बिल आधा कर दिया जाता है। जिसे राज्य के भाजपा सरकार में घटाकर 100 यूनिट तक खपत पर बिजली बिल हाफ योजना लागू किया। लेकिन बढ़े हुए बिलों ने इस योजना की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि विष्णु देव साय सरकार के योजना के बावजूद उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है, बल्कि उनका बिजली बिल पहले से कई ज्यादा आ रही है।
केंद्र की तरह राज्य सरकार ने भी बदले फैसले
कांग्रेस प्रवक्ता दीपक मंडल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे ‘जनविरोधी’ कदम बताया है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए चुनाव से पहले उन्होंने आम जनता को झूठे वादे कर सत्ता हासिल की है। जिस तरह केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दबाव में आकर अपने फैसले बदल रही है उसी तरह राज्य सरकार को भी अपने जन विरोधी फैसलों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बिजली की दरों को तुरंत वापस लिया जाए और उपभोक्ताओं को राहत दी जाए।