Homeरायगढ़न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को देनी होगी वाहन मरम्मत की राशि

न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को देनी होगी वाहन मरम्मत की राशि

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने दिया आदेश
वाहन दुर्घटना का बीमा दावा भुगतान करने से कर दिया था इंकार

रायगढ़। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने वाहन दुर्घटना का बीमा दावा राशि भुगतान नहीं करने वाली न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ आदेश पारित किया है। इसके तहत बीमा कंपनी को वाहन मरम्मत की राशि 5 लाख 61 हजार 607 रुपए मय ब्याज देना होगा। साथ ही मानसिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में 20 हजार एवं वाद व्यय हेतु 5 हजार रूपए भी देने का आदेश दिया है। 45 दिन के भीतर राशि अदा नहीं करने पर आदेश दिनांक से 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी लगेगा। 

जानकारी के मुताबिक जेएसपीएल रोड भगवानपुर के पास स्थित रेनु सिंह पति मिथिलेस कुमार सिंह, मेसर्स घोतरा फेइट कॉरपोरेशन ने अपने फर्म के नाम से एक ट्रेलर वाहन क्रमांक सीजी 13 एल 0361 का बीमा दी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कराया था, जो दिनांक 13.08.2020 से दिनाक 12.08.2021 की मध्य रात्रि तक वैध थी। उक्त वाहन दिनांक 26.04.2021 को माधीपाली, सदर बलांगीर थाना ओडिशा में किसी दूसरे वाहन ने टक्कर मार कर दुर्घटनाग्रस्त कर दिया, जिसमें गाडी एवं आवेदिका के ड्राईवर मुकेश दुबे का एक पैर फै्रक्चर हो गया, जिसके संबंध में थाना बलांगीर में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। कोरोना के समय होने के कारण ड्राईवर का इलाज करने को कोई डॉक्टर तैयार नहीं था, इसलिए बिना किसी कार्यवाही के तत्काल रायपुर रिफर कर दिया गया जहाँ उसका इलाज एन. के. डी. हॉस्पिटल एण्ड मैटेरनिटी सेंटर में कराया गया, जहाँ वह स्थायी रूप से अपंग हो गया। उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन की मरम्मत में लगभग 8,28,712 रुपए खर्च हुए थे। बीमा कंपनी के समक्ष उक्त राशि के भुगतान के लिए दावा किया गया, लेकिन कंपनी ने भुगतान करने से इंकार कर दिया। इस पर उन्होंने अपने अधिवक्ता मुकेश गोयल के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया। इसकी सुनवाई अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल, सदस्य राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने की। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत अभिवचनों, दस्तावेजों एवं तर्क के बाद आयोग ने बीमा कंपनी के खिलाफ आदेश पारित किया। इसके अनुसार बीमा कंपनी को वाहन मरम्मत की राशि 5,61,606 रुपए एवं उस पर आयोग के समक्ष दावा प्रस्तुति दिनांक से अदायगी दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्रदान करना होगा। साथ ही मानसिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में 20 हजार रुपए एवं वाद व्यय का 5 हजार रूपए भी आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर प्रदान करने का आदेश दिया है।  45 दिन के भीतर अदा नहीं करने पर अदायगी दिनांक तक 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज लगेगा।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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