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Raigarh News : तीन जर्जर पेड़ों के बहाने 8 हरे-भरे इमारती पेड़ों की ले ली बलि

ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचा राजस्व और वन अमला, कटे पेड़ों को जब्त कर किया वन विभाग के सुपुर्द

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज
रायगढ़। अपनी निजी भूमि के तीन जर्जर पेड़ों को काटे जाने की अनुमति लेकर छोटे झाड़ जंगल के 8 बेशकीमती पेड़ों को काटे जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों की शिकायत पर राजस्व और वन अमला ने पहुंचकर कटे पेड़ों को जप्त कर लिया है। ग्राम लोइंग के किसान संजय विश्वाल ने महापल्ली स्थित अपने निजी भूमि खसरा नंबर 222/1 रकबा 1.0220 हेक्टेयर में से एक नग सराई,एक नग बीजा और एक नग कारी पेड़ को काटने की अनुमति मांगी थी, जो सुख गए थे, जिसके कारण डगाली गिरने पर आम जन को खतरा पैदा हो सकता है। एसडीएम रायगढ़ ने वन मंडलाधिकारी को अभिमत मांगा। वन परिक्षेत्र अधिकारी जामगांव ने भी आपत्ति नहीं होने से संबंधी अपना प्रतिवेदन दे दिया। राजस्व विभाग के पटवारी राजस्व निरीक्षक ने भी इसी आधार पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।

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जमीन का कोई सीमांकन किए बिना छोटे झाड़ जंगल जमीन पर स्थित पेड़ों को निजी भूमि बता कर किसान ने एसडीएम रायगढ़ से पेड़ काटे जाने की अनुमति ले ली। लेकिन किसान ने राजस्व और वनविभाग की अनुपस्थिति में 8 हरे भरे इमारती पेड़ जेसीबी मशीन से उखाड़ दिए, तो कुछ आरी से काट दिए। जिनमे 3 बीजा के 3 सराई सहित 2 अन्य प्रजाति के पेड़ शामिल थे। 21 सितंबर को पेड़ काटे जाने की जानकारी ग्रामीणों व सरपंच को हुई तो पटवारी और वन अमला को इसकी सूचना दी। आज राजस्व निरीक्षक,पटवारी और वन विभाग कर्मचारी मौके पर पहुंचे और सीमांकन किए किंतु कुछ हिस्से में झाड़ झंझाड़ होने के कारण नाप जोख नहीं हो सका। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि उक्त कटे और उखाड़े गए पेड़ किसान के निजी भूमि पर है या फिर छोटे झाड़ जंगल जमीन है। एसडीएम द्वारा पेड़ काटे जाने की शर्तों के आधार पर राजस्व विभाग और वनविभाग की उपस्थिति में पेड़ काट कर उसे वन विभाग अपने अधीन रख कर नीलाम करने के बाद 90 प्रतिशत राशि किसान को लौटाने तथा शेष दस प्रतिशत राशि वन विभाग में रखने के साथ ही किसान पेड़ काटने के बदले दस गुना पेड़ निजी भूमि में लगाकर देखभाल स्वयं करने के निर्देश दिए हैं।

छोटे झाड़ जंगल जमीन पर लगे थे पेड़ : सरपंच
सरपंच अनंत राम चौहान, ब्रजेश गुप्ता अशोक निषाद आदि ने बताया कि उक्त काटे गए पेड़ छोटे झाड़ जंगल जमीन पर स्थित है। इस भूमि का कई बार सीमांकन हो चुका है। सरपंच ने बताया कि ग्राम पंचायत अथवा वन प्रबंधन समिति से उक्त पेड़ो को काटे जाने संबंधी काटे जाने को लेकर कोई सहमति नहीं ली गई है।उक्त पेड़ो को जो तीन के बदले आठ पेड़ काटे गए हैं इन्हें जप्त कर वन अमला के सुपुर्द करना बताया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रवीण तिवारी ने बताया कि किसान के पास अगर लीगल मेरे हस्ताक्षर जारी किए आदेश है तो ठीक है और उसे वन विभाग के रेंजर की देखरेख में काटे जाने हैं।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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