
आर्थिक नाकेबंदी के बाद किया वायदा नहीं निभाया, कीचड़ से लथपथ सडक़ पर चलने की मजबूरी, तमनार क्षेत्र में स्थित उद्योगों का हो रहा भारी विरोध
पुराने कानून के तहत किया जा रहा भू-अर्जन, नए कानून का नहीं मिल रहा प्रभावितों को लाभ, पेसा एक्ट 2022 भी लागू, उसके बाद भी आ रहीं कंपनियां
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। जर्जर व कीचडय़ुक्त सडक़ व आए दिन दुर्घटनाओं से नाराज तमनार क्षेत्र के ग्रामीणों ने पिछले दिनों अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर दी थी, उसके बाद प्रशासन व क्षेत्र में स्थिति निजी कंपनियों ने शीघ्र ही सडक़ मरम्मत करने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह वायदा पूरा नहीं किया। इसी तरह गारें 4/6 के लिए भू-राजस्व संहिता 1956 के तहत भू-अर्जन किया जा रहा है, जिससे प्रभावितों को भारी नुकसान हो रहा है।
प्रशासन व कंपनियों की वादाखिलाफी सहित अन्य मुद्दों को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। रविवार को ग्राम गारे में ग्रामीणों की सभा हुई, जिसमें प्रभावित ग्रामीणों ने इन सब मुद्दों पर विचार किया और नए कानून के तहत भू-अर्जन की प्रक्रिया नहीं करने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाने की बात कही। रविवार को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तहसील तमनार के ग्राम गारें में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें गारे की सडक़ समस्या पर चर्चा की गई।
अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के बाद प्रशासन व कंपनियों ने वायदा किया था। उस पर न प्रशासन और न ही कंपनियां कायम रह सकीं। जिंदल, अदानी, हिंडाल्को, सारंडा, छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी ने अपना वायदा पूरा नहीं किया । अनुविभागीय दंडाधिकारी घरघोडा द्वारा गारें 4/6 के लिए भू राजस्व संहिता 1956 के तहत भू-अर्जन सरफेस के तहत किया जा रहा है जबकि भू-अर्जन कानून 2013 लागू किया गया है जिसके तहत भू प्रभावित के लिए नई योजना लागू की गई है। छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा पांचवीं अनुसूची क्षेत्र पेसा एक्ट कानून 2022 लागू किया गया है पर ग्राम सभा के निर्णय को भू-अधिग्रहण कानून पर लागू नहीं किया जा रहा है। जिंदल कंपनी द्वारा गारें 4/6 कोयला खदान में किसानों की जमीन में मिट्टी डाल दी गई है, जिसका किसी प्रकार मुआवजा नहीं दिया गया है। गांव के किसान द्वारा आपत्ति करने पर एफआईआर की धमकी दी जाती है । साथ गांव के भूमि स्वामी के सहमत 50 हेक्टर जमीन का भू-अर्जन किया गया है। इन सब को लेकर उच्च न्यायालय याचिका लगाई जाएगी।
बैठक में इन सभी मुद्दों पर विचार किया गया। इन सभी मुद्दों को लेकर गांव के महिला पुरुष आपस में बैठकर विचार किया ।बैठक में हरिहर पटेल, महेश पटेल, भीम पटेल, बाबूलाल सिदार, राजेश मरकाम, जन चेतना रायगढ़ से सविता रथ, राजेश त्रिपाठी, मनोज सिदार, एकामबर सिदार, चन्दन सिंह सिदार, नानदाई सिदार, पदमा सिदार, लीला सिदार, रूक्मणी सिदार, कांशीराम सिदार, रवी शंकर सिदार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।