
खराब मीटर बदलने की जगह भेज रहे हैं एवरेज बिल, शिकायतों के बाद भी नहीं हो रहा सुधार
क्रांतिकारी न्यूज/रायगढ़ Raigarh News
इन दिनों राज्य विद्युत मंडल के मनमानी अपने चरम पर है। विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के तौर-तरीके और रवैया से उपभोक्ता भारी परेशान है। विभाग के लापरवाही के कारण इस भीषण गर्मी में भी उपभोक्ता दफ्तर के चक्कर काटने पर मजबूर हो रहे हैं । दरअसल पूरा मामला यह है कि रायगढ़ के पूर्वांचल क्षेत्र के ग्राम जुर्डा में कई बिजली उपयोगकर्ताओं के बिजली बिल बहुत अधिक आया हैं। जिनमें सर्वाधिक विद्युत उपभोक्ता मजदूर वर्ग व छोटे किसान हैं। प्रतिमाह की तरह मार्च माह में भी विभाग द्वारा बिजली बिल भेजा गया जिसमे की अधिकतर उपभोक्ताओं के बिल पहले से 4 गुना या 10 गुना तक अधिक हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि हमने तो प्रति माह बिजली बिल का भुगतान नियत तिथि पर किया है, फिर इस तरीके से बिल कैसे भेजा गया है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिल में जो भी गड़बड़ी है उसे सुधार लिया जाएगा। मगर विभाग के अधिकारी यह राग पिछले कई महीनों से अलाप रहे हैं। यह मामला केवल एक दो गांव का नहीं है बल्कि गांव और शहर के हजारों ऐसे उपभोक्ता है जिनके मीटर कई सालों से या फिर महीनों से खराब है जिन्हें एवरेज बिल के नाम मोटी रकम चुकानी पड़ रही है या फिर कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो अपने शिकायतों का समाधान नहीं होने के कारण विद्युत विभाग को अपने बिल का भुगतान ही नहीं करते हैं जिस कारण बिजली विभाग के बकाया दरों की सूची काफी लंबी हो गई है। बताया जा रहा है जा रहा है कि विद्युत विभाग के मनमानी के कारण उपभोक्ताओं का एक बड़ा टपका आंदोलन का मन बना चुकी है। जल्द ही विद्युत विभाग में आने वाले शिकायत और अतिरिक्त बिल भेजे जाने के मामले का निपटान नहीं होने पर शहर में विद्युत विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।
शिकायतों के प्रति गंभीर नहीं
अतिरिक्त बिजली बिल का मतलब है कि आपका बिजली का बिल आपके अनुमान से ज्यादा आया है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि मीटर खराब हो गया हो, रीडिंग में गलती हो, या आपके बिजली उपयोग में अचानक वृद्धि हुई हो। यदि किसी का बिल गलत है, तो वे बिजली कंपनी विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन या फिर कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। मगर इन शिकायतों का और सुविधाओं का कोई मतलब तब निकले जब विभाग के अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल या फिर कार्यालय में आने वाले शिकायतों के प्रति गंभीर हो, जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को बार-बार ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं ऑनलाइन पोर्टल पर की जाने वाली शिकायतों का महीनों तक कोई समाधान नहीं हो रहा है। वही ऑफिस में आने वाले शिकायतों का भी समाधान नहीं हो पाता है बल्कि बार-बार विभाग के चक्कर काटने वाले उपभोक्ताओं से उनके मामलों के निपटान के ऐवज में रिश्वत की मांग की जाती है।
उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिल का भार
विद्युत ठेका कंपनी के रीडर या ठेकेदार के गलती के कारण उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिल का भार पड़ता है। मीटर रीडिंग लेने वाले रीडर या ठेकेदार नियमित रूप से रीडिंग नोट नहीं करते हैं। जिन उपभोक्ताओं का मीटर खराब है उनके मीटर का बदलाव भी नियमित रूप से नहीं किया जाता जिस कारण मनमाने तरीके से उपभोक्ताओं को बिजली बिल थमा दिया जाता है। जिन उपभोक्ताओं को जानकारी की कमी होती है वे अतिरिक्त बिल का भुगतान भी कर देते हैं। बहुत कम उपभोक्ता ऐसे होते हैं जो अपने मीटर रीडिंग पर बारीकी से नजर रखते हैं। बिल में गड़बड़ी होने पर संबंधित विभाग पर शिकायत करते हैं। खास बात यह है कि जिन उपभोक्ताओं से ठेकेदार या विद्युत विभाग अतिरिक्त राशि वसूलती है वह राशि कहां जाता है?