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Raigarh News : शक्ति की भक्ति प्रारंभ : देवी मंदिरों में जले आस्था के दीप

शुभ मुहूर्त में घट स्थापना के साथ क्वांर नवरात्रि के अनुष्ठान प्रारंभ, दुर्गा सप्तशती पाठ, मातासेवा जसगीत से गुंजायमान है पूरा अंचल

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज
रायगढ़। क्वांर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी गुरुवार को शुभ मुहूर्त में घट स्थापना के साथ देवी मंदिरों में नवरात्रि के अनुष्ठान प्रारंभ हो गए। शहर के बूढ़ी माई मंदिर, समलेश्वरी मंदिर कोष्टापारा, समलाई मंदिर राजापारा, अनाथालय दुर्गा मंदिर, केवड़ाबाड़ी दुर्गा मंदिर, महामाया मंदिर उर्दना, बंजारीधाम व चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी दरबार में श्रद्धालुओं की ओर से प्रज्जवलित मनोकामना ज्योतिकलश जगमगाने लगे हैं। देवी मंदिरों में पहले ही दिन से देवीभक्तों की भीड़ उमडऩे लगी है। तोरणद्वार व बिजली झालरों से देवी मंदिर का दरबार सजा हुआ है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचकर माथा टेक रहे हैं। Raigarh News

क्वांर नवरात्रि के पहले दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्य घट की स्थापना की गई। उसके बाद श्रद्धालुओं की ओर से प्रज्जवलित कराए गए मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्जवलित किए गए। इसी के साथ देवी मंदिरों में नवरात्रि के अनुष्ठान प्रारंभ हो गए। दुर्गा सप्तशती पाठ, ललिता सहस्त्रनाम के साथ कुछ मंदिरों में श्रीमद् देवी भागवत कथा व सतचंडी यज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है। नवरात्रि के पहले पहले दिन माता के शैलपुत्री रूप की आराधनी की गई। नवरात्रि के प्रारंभ होते ही देवी भक्तों की भीड़ माता के दर्शन के लिए उमडऩी लगी है। शहर के प्रसिद्ध बूढ़ी माई मंदिर, समलेश्वरी मंदिर कोष्टापारा, राजापारा स्थित समलाई मंदिर, हंडी चौक स्थित अनाथालय दुर्गा मंदिर, केवड़ाबाड़ी स्थित दुर्गा मंदिर, उर्दना स्थित महामाया मंदिर, कोसमनारा बाबाधाम स्थित दुर्गा मंदिर सहित बंजारीधाम व चंद्रहासिनी दरबार में पहले ही दिन दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगीं। इन मंदिरों में पंचमी के बाद भीड़ काफी बढ़ जाएगी। चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी मंदिर व बंजारीधाम में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके मद्देनजर प्रशासन व मंदिर समिति की ओर से सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

चंद्रपुर व बंजारीधाम में देवी भक्तों की भीड़
शहर से लगे बंजारीधाम व पड़ोसी जिला सक्ती के चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी दरबार में वैसे तो प्रतिदिन श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान देवीभक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। पड़ोसी ओडिशा राज्य से भी लोग चंद्रपुर पहुंचते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। इन दोनों मंदिरों में क्वांर नवरात्रि पर हजारों की संख्या में मनोकामना दीप प्रज्जवलित किए गए हंै। चंद्रपुर में नवरात्रि के पहले दिन भव्य कलशयात्रा निकाली गई। इसी तरह बंजारीधाम में एक दिन पहले कलशयात्रा निकाली गई थी। इन दिनों ही मंदिरों में पहले से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩी प्रारंभ हो गई है। मंदिर समिति के साथ प्रशासन की टीम व्यवस्था बनाने में जुटी हुई है। 
शहर में सज रहा माता का भव्य दरबार
क्वांर नवरात्रि पर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर मां भगवती की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इसकी तैयारियां जोरों पर है। दुर्गोत्सव समितिओं की ओर से भव्य व विशाल पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। शहर के हंडी चौक, गांधीगंज, संजीवनी परिसर, सतीगुड़ी चौक, कोतरा रोड, केवड़ाबाड़ी सब स्टैंड चौक, ढिमरापुर रोड, चक्रधर नगर चौक, अंबेडकर चौक पर एक से बढक़र एक पंडाल बन रहे हैं। पंचमी व सप्तमी को इन भव्य व विशाल पंडालों में मां भगवती की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। पूरा शहर बिजली झालरों की रोशनी से जगमगा उठेगा। तीन दिनों तक शहर की सडक़ों पर देवी भक्तों का रेला नजर आएगा। इधर दुर्गोत्सव व नवरात्रि मेले के लिए जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से माकूल व्यवस्थाएं की जा रही हैं। 
11 अक्टूबर को ही होगी अष्टमी और नवमी की पूजा
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्रि इस बार तीन अक्टूबर से शुरू हो गई हैं। इस बार 11 अक्टूबर को महाष्टमी और महानवमी का व्रत होगा। विभिन्न पंचांगों के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि तथा नवमी तिथि का क्षय है। 10 अक्टूबर को आतर है। 11 अक्टूबर को महाअष्टमी और नवमी की पूजा होगी। शास्त्रों के अनुसार सप्तमी और अष्टमी मिला रहने पर महाअष्टमी का व्रत निषेध माना गया है। 10 को सप्तमी और अष्टमी दोनों है। इसलिए श्रद्धालु अष्टमी की पूजा न कर सिर्फ सप्तमी की पूजा करेंगे। अष्टमी तिथि का शुभारंभ 10 को दोपहर 12:32 से होगा, जो 11 अक्टूबर को 12:07 तक रहेगी। नवमी 11 अक्टूबर को 12:08 पर लग जाएगी।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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