
सीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 55 डीबी में किसी भी साउण्ड सिस्टम को चलाना संभव नहीं
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। जिले में सोमवार डीजे साउण्ड यूनियन ने भी मोर्चा खोल दिया है। हाईकोर्ट ने कानफोडु डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। इस आदेश के जारी होते ही डीजे संचालकों में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है। आगामी दुर्गा पूजन एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर लगाये गए प्रशासनिक प्रतिबंध को शिथिल करने की मांग को लेकर यूनियन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा है।
यूनियन के सदस्यों का कहना था कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन के द्वारा डीजे व धुमाल पर पूर्णत प्रतिबंध लगा दिया गया है। शासन का कहना है कि वाहन में साउण्ड सिस्टम नहीं बांधना है, परंतु बिना वाहन के साउण्ड रनिंग जुलूस, झांकी या अन्य किसी रोड शो में रनिंग डीजे चला पाना संभव नहीं है। 55 डीबी में साउण्ड और धुमाल को बजाना कहा गया है जो कि कभी भी संभव नहीं है क्योंकि एक बार का हार्न 90 डीबी से ज्यादा बजता है तो 55 डीबी में किसी भी साउण्ड सिस्टम को चलाना संभव नहीं है।
साउण्ड सिस्टम डीजे और धुमाल वालों के उपर प्रशासन द्वारा अपराधिक धाराएं लगाने को कहा गया है जबकि देखा जाए तो डीजे संचालकों को त्यौहारों और कई खुशियां बनाने के लिए कार्य मिलता है और आजकल कार्यवाही के रूप में साउण्ड और धुमाल वालों के सामानों को जब्त व राजसात करने और जुर्माना देने की धमकी दी जा रही है। यूनियन के सदस्यों ने कहा कि विगत दिनों भिलाई के एक डीजे साउण्ड संचालक ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि प्रशासन द्वारा साउण्ड सिस्टम के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चूंकि वह बैंक से 25 लाख रूपए का लोन ले रखा था। ऐसी स्थिति में साउण्ड सिस्टम संचालकों का भविष्य संकट में पड़ गया है। कई जगह साउण्ड सिस्टम को बदनाम करने की झूठी खबरें फैलाई जा रही है कि डीजे बजने की वजह से किसी की मृत्यु हो गई है। वो भी बिना किसी प्रमाण के, जबकि डीजे साउण्ड और धुमाल वाले कई सालों से यह कार्य करते आ रहे हैं।
- डीजे संचालकों की मांगें
- मालवाहक वाहन में साउण्ड सिस्टम लगाने की छूट प्रदान की जाए।
- किसी भी डीजे साउण्ड एवं धुमाल वालों के खिलाफ अपराधिक धाराओं का प्रयोग न किया जाए।
- किसी भी व्यापारी की साउण्ड सिस्टम को जप्त व राजसात न किया जाए।
- 55 डीबी का 70 साल पुराने नियम में जल्द से जल्द संशोधन किया जाए।
- साउण्ड बजने की वजह से जिसने भी किसी की मृत्यु होने की अफवाह फैलाने की साजिश की है उसके खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए।