Homeरायगढ़Raigarh News जामपाली कोल माइंस का पुराना केस फिर आया सुर्खियों में

Raigarh News जामपाली कोल माइंस का पुराना केस फिर आया सुर्खियों में

करीब चार करोड़ के कोयले का हुआ था शॉर्टेज, सुबोध तिवारी केस के बाद हुआ था ओबी कांड

क्रांतिकारी संकेत न्‍यूज रायगढ़। सीबीआई ने एसईसीएल की जामपाली खदान में गड़बड़ी पर कार्रवाई की है। इससे एक पुराना केस फिर से चर्चा में आ गया है। यह इत्तफाक ही है कि दोनों मामले तकरीबन एक साथ ही सामने आए थे। जामपाली में सीबीआई ने करीब 3.43 करोड़ के कोयले का शॉर्टेज मामले में भी एफआईआर दर्ज की थी।जामपाली खदान हमेशा गलत वजहों से ही सुर्खियों में रही है। कोयले में शॉर्टेज, ग्रेड में हेराफेरी, कोयला तस्करों के बीच गैंगवार, ओबी रिमूवल में एक्सेस बिलिंग जैसे मामले इसी माइंस में हुए। अब सीबीबाई ने सीनियर सर्वेयर संतोष सिदार समेत ओबी रिमूवल का काम करने वाली कंपनी बीसीसी-आशा कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है।

बिहार कंस्ट्रक्शन कंपनी संचालक महिंदर सिंह और आशा कंस्ट्रक्शन संचालक अजय जैन के साथ सर्वेयर संतोष सिदार ने एसईसीएल को 6,10,26,141 रुपए का नुकसान पहुंचाया।करीब 3.84 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी हटाने की बिलिंग में ज्यादा राशि के बिल पास कर दिए गए। इस घटना ने 2016 में हुए एक और कारनामे पर रोशनी डाली है। तब एसईसीएल और कोल इंडिया के ज्वाइंट निरीक्षण में कोल शॉर्टेज पकड़ा गया था। जी-8 और जी-12 ग्रेड कोयले के स्टॉक में कमी पाई गई। करीब 3.43 करोड़ का कोयला गायब मिला। इस केस को सीबीआई को दिया गया। सीबीआई ने सब एरिया मैनेजर सुबोध कुमार तिवारी के ठिकाने पर छापेमारी की थी। बताया जाता है कि तिवारी के घर से कई कंपनियों के डीओ भी मिले। सीबीआई ने 9 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की थी।

कब थमेगी गड़बड़ी
जामपाली ओपन कास्ट माइंस में लोकल कोल माफियाओं का भी बहुत दखल होता है। पहले सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं थी जिसके कारण ऐसे घपले होते रहे। दोनों मामले आगे-पीछे ही हुए। एसईसीएल को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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