
लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान, विभागीय मिलीभगत का लग रहा आरोप
मामला संज्ञान में आते ही मंत्री ने दिया जांच का आदेश, खुलने लगी भ्रष्टाचार की पोल, पुलिस भी कर सकती है जांच
क्रांतिकारी संकेत न्यूज
रायगढ़। कोतरा रोड अटल विहार कालोनी में दिनों-दिन भ्रष्टाचार का परत खुलते ही जा रही है। अभी तक लगभग 3 करोड़ का घोटाला सामने आया है, जिसमें एक करोड़ तो विभाग द्वारा ही दिया गया था। विभाग द्वारा दिए गए पैसे को अध्यक्ष ने अपने खाते में कैसे लिया, यह समझ से परे था। उसके बाद एक नई समिति का गठन बिना प्रशासन के संज्ञान के कर भी लिया। 50 लाख लिफ्ट रखरखाव के लिए खर्च कर दिए गए, जबकि लिफ्ट काम ही नहीं कर रहा है। कई ब्लॉक वाले तो खुद अपने खर्चे से रखरखाव करने लगे हैं। ऐसी दशा में इस करोड़ो के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोगो ने विभागीय मंत्री ओपी चौधरी से गुहार लगाई जिसपर मंत्री ने जांच दल बनाकर एक समिति बनवाई और बड़ी कार्यवाही की तरफ इशारा किया है। एक युवा नेता ने इस संबंध में ट्वीट के माध्यम से कई शिकायतें भी की और कॉलोनी वासियों की आवाज को पुलिस और प्रशासन तक पहुंचाया।
इस कालोनी वासियों के तरफ से एक साल से आवाज उठाई जा रही थी। अभी इस पर जांच प्रारंभ हुई है। देखना यह है कि इस जांच में दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही क्या होती है। शासन और प्रशासन के करोड़ों का भ्रष्टाचार सुनते ही कान खड़े हो गए और आनन फानन में एक जांच समिति का गठन कर दिया गया। इन सबमें हाउसिंग बोर्ड और पंजीयक सहकारी संस्था की भूमिका भी पूर्णतया संदेहास्पद है। आखिर 2 वर्षों में कई लोगों ने शिकायत कीं तो इन लोगों ने जाकर देखा तक नहीं। साथ ही कैसे करोड़ों का घोटाला एक समिति ने चुपके से कर दिया, इसमें विभागीय मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि वास्तव में कितनी राशि की गड़बड़ी की गई है और क्यों की गई। क्योंकि इन दो सालों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष ने मकान, गाड़ी और ट्रेलर भी खरीद ली, जो संदेह को जन्म देता है।
प्रति मकान क्यों वसूले जा रहे 500 रुपए?
जब कुछ जागरूक कालोनी वासियों ने हाउसिंग बोर्ड को यह शिकायत की है कि इनके द्वारा 500 रुपए सभी से अवैध तरीके से वसूले जा रहे हैं, तो भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई। जबकि हाउसिंग बोर्ड ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि कॉलोनी के रखरखाव को हाउसिंग बोर्ड द्वारा दिए गए 1 करोड़ रुपए को एफडी किया जाएगा और उससे मिलने वाले ब्याज के पैसे से मेंटनेंस किया जाएगा। उसके बाद भी अवैध वसूली प्रति मकान क्यों की गई, यह समझ से परे है। उसके अतिरिक्त दूसरी कॉलोनी के रहवासियों को इस कॉलोनी से गुजरने के नाम पर 10 लाख रुपए भी अवैध तरीके से लिए गए। इस स्तर पर भ्रष्टाचार होता रहा और दो सालों में प्रशासन और पुलिस भी बेखबर रही।
सूचना के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं?
इस कॉलोनी द्वारा कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं कि सुनील शर्मा यहां रहता है जो कि 354 का आरोपी है। उसके खिलाफ सिटी कोतवाली में कई शिकायतें लंबित हैं लेकिन पुलिस इसे क्यों गिरफ्तार नहीं करती, यह समझ से परे है। पुलिस की हालत ऐसी है कि एक महिला जो सरेआम अपाहिज युवक को मार रही है, लेकिन सामने पुलिस के होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। कई शिकायतें महिला की भी थाने में लंबित है पर अबूझ पहेली बन चुकी रायगढ़ पुलिस की तत्परता पर सभी को संदेह होने लगा है।