
एक तेज़ रफ्तार बाइक की टक्कर से लिक्विड गैस टैंकर पलटने के बाद उसमें भरा हाइड्रोक्लोरिक एसिड लीक
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़/लैलूंगा। लैलूंगा तहसील के रेगड़ी गांव में मंगलवार रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। एक तेज़ रफ्तार बाइक की टक्कर से चलती लिक्विड गैस टैंकर पलट गई, जिससे उसमें भरा हाइड्रोक्लोरिक एसिड लीक होने लगा। ज़हरीली गैस के रिसाव से गांव का माहौल दमघोंटू हो गया, ग्रामीणों को आंखों में जलन और सिर दर्द की शिकायतें होने लगीं।
प्रशासनिक लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह चक्का जाम किया और डॉक्टरों की मांग की। धरना स्थल पर जनपद उपाध्यक्ष मनोज सुखन के नेतृत्व में हजारों ग्रामीण इक_ा हो गए। जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। धरना में नूतन प्रधान, जनपद सदस्य प्रतिनिधि प्रेम चौहान, ग्राम पटेल राम सिंग सिदार, सरपंच पति हेम सिंग राठिया, पंच धनीराम राठिया सहित कई स्थानीय नेता एवं नागरिक भाग ले रहे हैं। सभी की मांग है कि इस दुर्घटना की निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। लैलूंगा तहसीलदार शिवम पांडे के आश्वासन पर प्रदर्शन कुछ देर के लिए शांत हुआ, लेकिन शाम तक टैंकर नहीं हटाने पर ग्रामीणों ने दोबारा रास्ता जाम कर दिया। रिसाव के चलते गांव के जलस्रोत भी संदिग्ध हो चुके हैं। लोग भूखे-प्यासे हैं, किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला। बच्चों और बुज़ुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है, लेकिन राहत और बचाव के कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए गए हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल
गांव वालों का कहना है कि घटना के कई घंटे बीतने के बावजूद टैंकर नहीं हटाया गया और ना ही गैस रिसाव को रोकने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया। प्रशासन की घोर लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाज़ी की और पुन: चक्का जाम कर दिया। रेगड़ी गांव में फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और ग्रामीण तब तक धरना जारी रखने की बात कर रहे हैं जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
जनपद उपाध्यक्ष मनोज सुखन ने कहा, यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है। अगर समय रहते गैस रिसाव पर काबू नहीं पाया जाता, तो एक बड़ी जनहानि हो सकती थी। हम यहां सिर्फ विरोध नहीं कर रहे, बल्कि पूरे गांव की सुरक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना की सूचना तुरंत पुलिस और प्रशासन को दी गई थी, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मौके पर हजारों गाडिय़ों की आवाजाही बंद हो गई है और लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
ये हैं ग्रामीणों की मांगें
टैंकर को तत्काल हटाया जाए। प्रभावितों के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम भेजी जाए। गांव में राहत सामग्री पहुंचाई जाए। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।