
खरसिया वन परिक्षेत्र के ग्राम तेंदुमुड़ी की घटना
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़। जिले में बढ़ती हाथियों की संख्या उनके लिये ही जी का जंजाल बनी हुई है। आए दिन अपने दल के साथ भटकते शावक इसका शिकार हो रहे हैं। खेतों में बने कुंए में गिरने के कारण इनके साथ होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर वन विभाग सिमित संसाधनों के साथ हाथी शावकों को बचाने में कामयाबी हासिल कर रहा है। लेकिन लगातार हो रही इस प्रकार की घटनाओं से और अधिक सजग होने की बजाए वन विभाग केवल इनके मूवमेंट पर नजर रखकर कब कुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहा है।
घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के चारमार के जंगल में एक हाथी शावक कुंए में गिरने की घटना के बाद दूसरी घटना गुरूवार की तडक़े खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तेंदुमुडी में देखने को मिली और वहां भी जंगल के किनारे किसान द्वारा बनाये गए गहरे कुंए में एक हाथी शावक गिर गया जिसमें पानी भी भरा हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास ग्रामीणों की भारी भीड़ वहां जुट गई। वन विभाग को स्थानीय लोगों से जानकारी मिलने के बाद पहुंची। जेसीबी की मदद से हाथी शावक को निकालने की तैयारियां भी की गई। आसपास के इलाके के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उस जगह पहुंच गए और बचाव दल के साथ हाथी शावक को निकालने के लिये घंटों तक जुटे रहे।
पांच घंटे तक चला आपरेशन
खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तेंदुमुड़ी से लगे जंगलों में हाथी शावक के कुंए में गिरने की घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से पांच घंटे बाद हाथी शावक को कुंए से निकालने में कामयाबी हासिल की। कुंए से निकलते ही हाथी शावक ने जेसीबी को पकडऩे का भी प्रयास किया और इसी बीच भीड के लोग भी इस शावक को जंगल की ओर दौड़ाते दिखे। ग्रामीण लाठी डंडे से लैस होकर हाथी को खदेडऩे के लिए सजग रहते है। और यही कारण है कि हाथी शावक के कुंए में गिरने के बाद पास के जंगलों से उनका झुंड चिंघाड़ रहा था। तब ग्रामीणों ने अपने बचाव के लिए यह रवैया अपनाया।