
जिला शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से भी शिकायत
क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़। कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ की पहचान शिक्षा क्षेत्र में किसी भी बड़े शहर से काम नहीं है। रायगढ़ मुख्यालय में कई निजी व सरकारी स्कूल और कॉलेज है। जो अपने डिसिप्लिन, शैक्षणिक गुणवत्ता और बच्चों के भविष्य बनाने के लिए जाने जाते हैं। रायगढ़ में कई ऐसे निजी और सरकारी शैक्षिक संस्थाएं हैं जो राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रायगढ़ के नाम को गौरान्वित कर रहे हैं। मगर पटेलपाली में स्थित एक निजी प्राइवेट स्कूल वेदिक इंटरनेशनल अपनी करतूत से रायगढ़ के शिक्षा व्यवस्था पर लगातार कालिख पोत रहा है। लेकिन हैरत की बात है की जिला शिक्षा विभाग तथा जिला प्रशासन इस स्कूल से जुड़े मामलों और स्कूल प्रबंधन की काली करतूतों पर आंखें बंद कर बैठा है।
ऐसा हो भी क्यों न शिक्षा को व्यापार का जरिया बनाकर दुकानदारी चलाने वाले स्कूल प्रबंधन और स्कूल के मालिक रायगढ़ जिला शिक्षा अधिकारी और जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को अपने कद के आगे बौना समझता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पिछले 2 सालों में वेदिक इंटरनेशनल स्कूल पटेलपाली कई ऐसे अमानवीय और आपराधिक घटनाक्रम सामने आए हैं जिसने जिले के कानून व्यवस्था और शैक्षणिक व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। मगर मजाल है कि इस स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जिला शिक्षा विभाग और सरकारी तंत्र के किसी भी अधिकारी ने अपने कलम की नोख टेढ़ी की हो। अब जिले के होनहार नवनियुक्त कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी से इस स्कूल प्रबंधन के सभी नए और पुराने मामलों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की अपेक्षा है।

ताजा मामला दो बच्चों को टीसी नहीं देने का सामने आ रहा है। इस मामले में तो पहले स्कूल प्रबंधन और स्कूल के मालिक ने पीड़ित परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति का खूब दिखावा किया और 2 साल तक अपने स्कूल में बच्चों को रखा। अब पीड़ित परिवार को 6 लाख 15 हजार का बिल थमाकर पैसों की मांग की जा रही है। इस बात की शिकायत पीडि़त परिवार ने थाना जूटमिल, जिला शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से भी पत्राचार के माध्यम से की है।
पीडि़ता के मुताबिक ये है पूरा मामला
इस मामले में श्रीमती प्रियंका पाण्डेय पति स्व. विनय पाण्डेय ग्राम टाड़ापारा, पो.-गोरपार तह.-खरसिया, जिला रायगढ़ अपने शिकायत पत्र में कहा है कि मेरे दो बच्चे विभोर पाण्डेय और विशेष पाण्डेय वैदिक इंटरनेशनल स्कूल रायगढ़ (पटेलपाली) में पढ़ते हैं। विभोर पाण्डेय क्लास 9वीं से 10वीं गया है और विशेष पाण्डेय 7वी से 8वीं गया है। मेरे पति विनय पाण्डेय का आकस्मिक निधन दिनांक 16 अक्टूबर 2023 को हो गया है। जिसकी वजह से मैं और मेरे बच्चे का खर्च चलाने में ही असमर्थ हूँ। वैदिक इंटरनेशल स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है उसे देने में मैं असमर्थ हूँ। मेरे बच्चे की पढ़ाई में बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है। मार्च से स्कूल खुल चुका है इतने दिनों से उसकी जो पढ़ाई प्रभावित हुई है, उसकी भरपाई कौन करेगा। वैदिक इंटरनेशनल स्कूल का जब से नया सेशन चालू हुआ है। तब से हम 10 से 15 बार स्कूल जा चुके है। स्कूल द्वारा न तो बच्चे का रिजल्ट दिया जा रहा है और न ही बच्चों को स्कूल में ही रखा गया है। वहां की प्राचार्य द्वारा बोला गया कि बिना फीस पटाये हम बच्चे को नहीं रख सकते है, आप अपने बच्चे को ले जाएं। हम बोले ठीक है, चेयरमेन सर जी से बात करले तब तक पढऩे दीजिए लेकिन प्राचार्य द्वारा बेईज्जती की गई कि चेयरमैन सर आनंद अग्रवाल जी का आर्डर है। टीसी के लिए मैंने दूसरे दिन आवेदन दिया उन्होंने कहा नोड्यूज लगेगा। वहां का साहू बाबू जी ने नोड्यूज देने से मना कर दिया। उसके बाद हम फिर प्राचार्य मैडम के पास गये है, तो उन्होंने भी टीसी नहीं दिया। आपका मामला चेयरमेन से होगा. बोली। डेट पे डेट दिये जा रहे है पर चेयरमेन सर न मिल रहे है, न मेरे बच्चे को पढऩे दे रहे हैं और न ही टीसी दे रहे हैं। चेयरमैन सर को कॉल करने पर फोन उठा नहीं रहे है, मैंने कई बार मैसेज किया कि सर प्लीज मेरे बच्चे का भविष्य का सवाल है पर उन्होंने कोई रिसपॉन्स नहीं दिया। जिस वजह से मुझे मानसिक टेंशन बहुत ज्यादा हो गई है। जबकि मेरे पति स्व. विनय पाण्डेय की मृत्यु के बाद हम चेयरमैन सर से बैठक कर बात किए थे कि सर मैं आपके स्कूल की इतनी फीस नहीं दे पाऊंगी, तब उन्होंने दिलासा दिया था कि आपसे फीस कौन मांग रहा है। आप अपने बच्चे को पढ़ाओ। उसके बाद फीस के लिए किसी प्रकार का काल नहीं आया, न मैसेज जबकि इतने बडे स्कूल में फीस नहीं पटा था तो 2 साल तक बच्चे को क्यों रखा गया। अब फीस 5 से 6 लाख के बीच मांग रहे है। मैं इस फीस को देने में असमर्थ हूँ। मेरे बच्चे का भविष्य खराब हो रहा है और मुझे बहुत ज्यादा मानसिक टेंशन है। यदि मुझे कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी बैदिक इंटरनेशनल स्कूल और छग शासन की होगी।
स्कूल प्रबंधक ने अपना पक्ष रखने से किया इनकार
मामले की शिकायत जूट मिल थाना में पहुंचने के बाद जूटमिल थाना में स्कूल प्रबंधन के तरफ से स्कूल प्रिंसिपल, अकाउंटेंट और दो अन्य लोग पहुंचे थे। जब इस मामले में स्कूल प्रबंधन से सवाल किया गया तो स्कूल प्रबंधन में इस मामले से कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। ऐसा ही एक अमानवीय मामला कुछ दिन पहले वेदिक इंटरनेशनल स्कूल में सामने आया था। जिसमें हॉस्टल कैंपस में एक छात्रा की मौत हो गई थी। इस मामले ने भी तूल तब पकड़ा, जब बात खुलकर मीडिया के सामने आई। वरना स्कूल प्रबंधन ने बिना पुलिस को सूचना दिए मृतिका के शव को परिजनों को सौंप दिया और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को जिले से बाहर भिजवा दिया था। इस मामले में भी स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली ने कई सवाल खड़े किए थे। पूरे घटनाक्रम के बीच स्कूल प्रबंधन ने मीडिया से दूरी बनाई थी। इस मामले में भी स्कूल प्रबंधन अपना पक्ष रखने से बच रही है।