
क्रांतिकारी संकेत
रायगढ़। जिले के थाना छाल क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां ग्राम नवापारा की अनुराधा चंद्रा ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर थाना छाल की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अनुराधा का आरोप है कि 08 जून 2025 को शाम 6:30 बजे, जब वे घर पर अकेली थीं, ओंकार, सीता चंद्रा और ऋषि चंद्रा ने उनके घर में घुसकर न केवल उनके और उनकी 17 साल की नाबालिग बेटी के साथ बेरहमी से मारपीट की, बल्कि घर का सारा सामान—कंप्यूटर, सोफा, अलमारी, गैस चूल्हा, तहस-नहस कर दिया। उनकी बेटी की आंख में गंभीर चोट आई और दोनों को जान से मारने की धमकी दी गई।
अनुराधा ने इस घटना की शिकायत तुरंत थाना छाल में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हद तो तब हो गई, जब 09 जून को पुलिस अधीक्षक को आवेदन देने के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में रहा। उल्टा, 30 जून को जब अनुराधा ने थाने में कार्यवाही न होने की शिकायत की, तो आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उनके पति अजय चंद्रा और बेटे प्रेमशंकर चंद्रा को गोबर इकट्ठा करने जैसे फर्जी मामले में इस्तगासा (धारा 170/126.135(3)) दर्ज कर बिना सुनवाई के जेल भेज दिया गया। अनुराधा का कहना है कि यह सब पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसने उनके परिवार को डर के साये में जीने को मजबूर कर दिया है।
गुस्से और हताशा से भरी अनुराधा ने चेतावनी दी है कि अगर उनके 08 जून के आवेदन पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे पुलिस महानिर्देशक कार्यालय के सामने आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने को बाध्य होंगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। यह मामला अब तूल पकड़ रहा है और स्थानीय लोगों में पुलिस की निष्क्रियता व कथित पक्षपात को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक आम नागरिक को इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा? पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है, लेकिन इस मामले ने जिले में हलचल मचा दी है।