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भक्ति और भव्यता का संगम : शहर में लगे 30 से अधिक पंडाल, दुर्गा उत्सव में 5 करोड़ से अधिक का खर्च, लाखों श्रद्धालुओ ने किया माता का दर्शन…

क्रांतिकारी न्यूज
रायगढ़ : शहर में आयोजित हुए भव्य दुर्गा उत्सव ने इस बार भक्ति और कला के एक नए अध्याय की रचना की है। इस वर्ष, शहर में 30 से भी अधिक बड़े और आकर्षक पूजा पंडाल लगाए गए , जिनकी भव्यता देखने लायक थी।

अनुमान है कि इन आयोजनों पर आयोजकों द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है, जो पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ती है। रायगढ़ के सभी पंडालों में साज- सज्जा लाइटिंग, भंडारे की विशेष व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं देखी गई। सभी समितियों के सदस्यों ने श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखा।

विजयादशमी के अवसर पर रायगढ़ के रामलीला मैदान एवं नटवर स्कूल में विशेष रावण दहन कार्यक्रम में रायगढ़ वासियों की अपार भीड़ देखने को मिला। सफलतापूर्वक संपन्न हुआ यह दुर्गा उत्सव, अब अगले वर्ष और भी अधिक उत्साह और भव्यता के साथ लौटने के वादे के साथ, माँ दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन की का सिलसिला शुरू हो गया है।
9 दिनों में लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन


नवरात्रि के इन नौ दिनों के दौरान, देवी माँ के दर्शन के लिए शहर और आसपास के क्षेत्रों से लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। पूजा समितियों के अनुसार, सभी प्रमुख पंडालों में दर्शनार्थियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर रही। विशेष रूप से सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन आधी रात तक भी भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।
पंडालों की भव्यता रही चर्चा का केंद्र


इस वर्ष पंडालों की थीम और सजावट मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।

कई पंडालों को भारत के प्रसिद्ध मंदिरों या ऐतिहासिक इमारतों की तर्ज पर बनाया गया था, जिसमें प्रमुख रूप से चक्रधर नगर, टीवी टावर रोड, कृष्ण वाटिका कॉलोनी, विजयपुर, गौरी शंकर मंदिर, गाँधी गंज, स्टेशन चौक, रेलवे कॉलोनी, मिनीमाता चौक, जूटमिल, गांजा चौक, कोस्टापारा, सत्तीगुड्डी चौक , रामलीला मैदान, हंडी चौक, केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड, ढिमरापुर रोड, छाता मुड़ा सहित शहर के कई और पंडाल शामिल हैं। जिनकी लाइटिंग और कलाकृतियों पर भारी-भरकम खर्च ने रात के समय इन पंडालों को एक अलौकिक रूप प्रदान किया।
सुरक्षा और व्यवस्था
इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए, विभिन्न पूजा समितियों ने सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। पुलिस की टीमें चौबीसों घंटे तैनात रहीं ।ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। दर्शनार्थियों के लिए पीने के पानी और प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी व्यापक स्तर पर की गई थी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस विशाल आयोजन ने शहर के स्थानीय कारीगरों, फूल विक्रेताओं, मूर्तिकारों और छोटे व्यापारियों को बड़ा आर्थिक संबल प्रदान किया। पांच करोड़ से अधिक का यह खर्च न केवल भव्यता पर हुआ, बल्कि इसने सैकड़ों लोगों के लिए अस्थायी रोजगार के अवसर भी पैदा किए।
ग्रामीण क्षेत्र में भी हुआ भव्य आयोजन


नवरात्र दुर्गा पूजा के अवसर पर शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें पूर्वांचल के कोतरलिया के पास चंडी डोंगरी, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के सीमा क्षेत्र सकरबोगा के पास सप्तखंड, पुसौर की ग्राम पंचायत कोड़पाली के पास बीजाटीपल्हीन के प्रसिद्ध देवी स्थलों पर विशाल रूप से भंडारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और रावण दहन का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।

Mentor Ramchandra (Youtube)

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