
जनवरी अंत तक नगरीय निकाय की वोटिंग, उसके बाद पंचायत चुनाव के लिए होगा मतदान
27 दिसंबर को महापौर का आरक्षण, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 29 तक का समय
क्रांतिकारी संकेत
राज्य निर्वाचन आयोग की मजबूरी है कि एक जनवरी से पहले चुनाव कार्यक्रम डिक्लेयर कर दे। क्योंकि, हर साल एक जनवरी से नई मतदाता सूची का अपग्रेडेशन होता है। यदि 31 दिसंबर तक घोषणा नहीं हुई तो फिर चुनाव एकाध महीने आगे टल जाएगगा। क्योंकि, मतदाता सूची के नवीनीकरण में महीने भर का वक्त लग जाता है। इसलिए सरकार भी एक्शन मोड में आते हुए आज पहले पंचायत के आरक्षण के लिए डेट जारी की और शाम होते-होते महापौरों के आरक्षण की भी तारीख तय कर दी। जानकारों का कहना है कि पिछले हफ्ते सरकार जरूर दोनों चुनावों को लेकर आगे-पीछे दिख रही थी। पंचायत चुनाव का आरक्षण शेड्यूल अचानक निरस्त कर दिए जाने के बाद इस धारणा को और बल मिला था। मगर आज सब कुछ यूटर्न के अंदाज में हुआ। और, अब दोनों चुनाव होना तय हो गया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। 29 दिसंबर तक नगरीय और पंचायत चुनाव के आरक्षण कंप्लीट हो जाएंगे। इसके अगले दिन 30 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग दोनों चुनावों का ऐलान कर सकता है। यह डेट इसलिए फायनल समझा जा रहा क्योंकि, अगर दो दिन विलंब हुआ तो फिर नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे। सरकार ने इसकी अंतिम तैयारियां शुरू कर दी है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डां का आरक्षण कंप्लीट हो चुका है। नगरीय प्रशासन विभाग ने महापौर के आरक्षण का डेट भी जारी कर दिया है। महापौर का आरक्षण 27 दिसंबर को रायपुर में किया जाएगा। इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव की सरकार के एंड की सारी तैयारियां पूरी हो जाएगी। इसके दो दिन बाद पंचायत चुनाव का आरक्षण भी पूरा हो जाएगा। पंचायत विभाग ने आज ही आरक्षण का कार्यक्रम जारी करते हुए इसके लिए 27 से 29 दिसंबर तक दो दिन का डेट तय किया है। याने 29 दिसंबर को पंचायत चुनाव का आरक्षण कंप्लीट हो जाएगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव का ऐलान कर सकता है।
29-30 दिसंबर की संभावना अधिक
चूकि जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण 29 दिसंबर को होगा। इसलिए उस दिन चुनाव का ऐलान संभव प्रतीत नहीं होता। 31 दिसंबर को लोग न्यू ईयर की तैयारी में व्यस्त रहेंगे, इसलिए इस दिन भी शायद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा न किया जाए। जानकारों का कहना है सबसे अधिक संभावना 30 दिसंबर का है। वैसे लोगों को चौंकाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग हो सकता है जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण के दिन शाम को प्रेस कांफ्रेंस बुला ले। मगर ये सही है कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास ये तीन दिन ही रहेगा चुनाव के ऐलान करने के लिए।
जनवरी अंत या फरवरी की शुरुआत में नगरीय निकाय चुनाव
अफसरों का कहना है कि जनवरी अंत तक नगरीय निकाय चुनाव याने वार्ड पार्षद, निकायों के अध्यक्ष और महापौर का चुनाव हो जाएगा। ज्यादा-से-ज्यादा हुआ तो दो-से-तीन फरवरी तक जाएगा। मगर पांच फरवरी से पहले नगरीय निकाय इलेक्शन कंप्लीट हो जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव का कार्यक्रम जनवरी लास्ट तक निबट गया तो पंचायत चुनाव इसके एक हफ्ते बाद होगा। अफसरों का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव कहीं दो-तीन फरवरी तक चला तो पंचायत चुनाव सात-से-आठ फरवरी तक हो जाएगा।